झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 7 जुलाई को झारखंड के 13 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे.हेमंत सोरेन तीसरी बार सीएम पद की शपथ लेंगे. दरअसल, गठबंधन दल के नेताओं और विधायको ने चंपई सोरेन के आवास पर एक बैठक के दौरान सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को JMM विधायक दल का नेता चुना था. सोरेन मुख्यमंत्री के रूप में एक बार फिर शपथ लेंगे.
जानकारी के लिए बता दें कि कल यानी बुधवार को JMM के नेतृत्व वाले गठबंधन के नेताओं ने उन्हें सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना था. बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के अलावा हेमंत सोरेन के भाई बसंत और पत्नी कल्पना भी शामिल हुए थे. उसके बाद हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
झारखंड 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग हुआ था और अलग राज्य बना था. बता दें कि हेमंत सोरेन को कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद करीब पांच महीने बाद 28 जून को जेल से रिहा किया गया था. उन्होंने 31 जनवरी को अपनी गिरफ्तारी से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के इस्तीफा देने के बाद JMM सांसद महुआ माजी ने बताया कि ईडी ने झारखंड के तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था और उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अगर वह चाहते तो इस्तीफा नहीं देते, जैसे कि अरविंद केजरीवाल अभी भी मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए चंपई सोरेन का नाम प्रस्तावित किया. अब झारखंड हाई कोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत दे दी और कहा कि उनके खिलाफ ईडी के पास कोई सबूत नहीं है. सोरोने के बाहर आने के बाद हमारे गठबंधन के विधायकों ने हेमंत सोरेन को चुना है. सीएम चंपई सोरेन भी चाहते थे कि वह मुख्यमंत्री बनें.