ब्राह्मण समाज एवं समस्त हिंदू समाज की ओर से यह शिकायत पत्र लिख रहे हैं। हाल ही में, फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ब्राह्मण समाज के खिलाफ जातिगत टिप्पणी की है, जो अत्यंत अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण है। इस टिप्पणी से हमारे समाज की भावनाएं आहत हुई हैं और सामाजिक सौहार्द को खतरा उत्पन्न हुआ है। इससे हमारी भी भावना को आहत हुआ है
वर्तमान में कुछ स्वार्थी नेताओं और अन्य देश एवं समाज द्रोही लोग, ब्राह्मणों पर प्रहार के बहाने सनातन परम्परा, सुदृढ़ भारतीय संस्कृति पर कुटिल आघात करते रहते हैं।
वर्तमान में "ब्राह्मण पे में मूतूंगा" जैसी अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले मूढबुद्धि अनुराग कश्यप भी अपनी टीआरपी बढ़ाने के चक्कर में सनातन धर्म की भावनाओं को आहत हुआ हैभारतीय संविधान की धाराएं जो इस मामले में लागू होती हैं:
1. आईपीसी की धारा 153ए: यह धारा दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने के लिए की गई कार्रवाइयों से संबंधित है।
2. आईपीसी की धारा 295ए: यह धारा किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से की गई कार्रवाइयों से संबंधित है।
3. आईपीसी की धारा 298: यह धारा किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से की गई कार्रवाइयों से संबंधित है।
4. आईपीसी की धारा 352: यह धारा किसी व्यक्ति को अपमानित करने, या जातिगत रूप से अपमानित करने के लिए जिम्मेदारी ठहराती है
5. आईपीसी की धारा 18 यह धारा भारत की एकता और अखंडता को खतरे में डालने के लिए दंडित करती है जिसमें जातिगत टिप्पणियां शामिल है
मांगें:
1. अनुराग कश्यप के खिलाफ कार्यवाहीः हम मांग करते हैं कि अनुराग कश्यप के खिलाफ उपरोक्त धाराओं के तहत कार्यवाही की जाए और उन्हें दंडित किया जाए। निष्कर्ष: हम आशा करते हैं कि आप इस मामले में उचित कार्यवाही F.I.R. कर आप हमारे समाज की भावनाओं का सम्मान करेंगे। हम आपके समक्ष यह अनुरोध करते हैं कि आप इस मामले को गंभीरता से लें और आवश्यक कदम उठाएं। धन्यवाद।
निष्कर्षः
हम आशा करते हैं कि आप इस मामले में उचित कार्यवाही F.I.R. कर आप हमारे समाज की भावनाओं का सम्मान करेंगे। हम आपके समक्ष यह अनुरोध करते हैं कि आप इस मामले को गंभीरता से लें और आवश्यक कदम उठाएं।