आईएनएस सुनयना, जो वर्तमान में हिंद महासागर पोत (आईओएस) सागर के रूप में अफ्रीका में तैनात है, 17 अप्रैल 2025 को मोजाम्बिक के नाकाला बंदरगाह पर पहुंची। जहाज ने इससे पहले तंजानिया के दार-एस-सलाम में भारत-अफ्रीका समुद्री साझेदारी अभ्यास AIKEYME 25 के उद्घाटन सत्र में भाग लिया था।
आईओएस सागर एक विशिष्ट मिशन है, जो भारत सरकार की क्षेत्रीय समुद्री सहयोग पहल सागर (SAGAR - Security and Growth for All in the Region) पर आधारित है। इस मिशन का उद्देश्य भारत और अफ्रीकी देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
यह पोत 5 अप्रैल 2025 को करवार से रवाना हुई थी, जिसे माननीय रक्षा मंत्री ने रवाना किया था। इसके साथ कोमोरोस, केन्या, मेडागास्कर, मॉरीशस, मालदीव, मोज़ाम्बिक, सेशेल्स, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका जैसे नौ मित्र देशों के 44 नौसैनिक कर्मी भी सवार थे।
नाकाला पहुँचने पर, पोत का स्वागत कमांडर नेल्सन एच. मबजाइया, चीफ ऑफ कमीशन, द्वारा मोज़ाम्बिक नेवल बैंड की उपस्थिति में किया गया।बंदरगाह पर रुकने के दौरान कई संयुक्त गतिविधियाँ और जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे, जिनका उद्देश्य क्षमता निर्माण, संचालन में समन्वय, और समुदाय से जुड़ाव को बढ़ावा देना है। इसमें वीबीएसएस (Visit, Board, Search and Seizure) अभ्यास, आग बुझाने और हानि नियंत्रण प्रक्रियाओं पर संयुक्त प्रशिक्षण शामिल है। पोत पर स्थानीय अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों के लिए एक डेक स्वागत समारोह भी आयोजित किया जाएगा।
पोत के चालक दल द्वारा समुदाय के साथ जुड़ाव के तहत एक योग सत्र आयोजित किया जाएगा, जो स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देगा। इसके अतिरिक्त भारतीय प्रवासी और स्थानीय स्कूली बच्चों के लिए पोत दर्शन, समुद्री जागरूकता और क्षेत्रीय इतिहास पर केंद्रित इंटरस्कूल क्विज प्रतियोगिता, और नंपुला सैन्य अकादमी के सैन्य कैडेट्स के लिए एक मार्गदर्शित भ्रमण आयोजित किया जाएगा, जिससे उन्हें नौसैनिक संचालन की प्रत्यक्ष जानकारी मिल सके।
अपने बंदरगाह दौरे की समाप्ति पर, यह पोत मोज़ाम्बिक नौसेना के कर्मियों को सी राइडर्स के रूप में अपने साथ ले जाएगी, ताकि मोज़ाम्बिक के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में एक संयुक्त निगरानी मिशन संचालित किया जा सके। यह समुद्री सुरक्षा और गैर-पारंपरिक खतरों का मुकाबला करने की साझा प्रतिबद्धता को पुनः पुष्टि करता है।