बिहार में एक बार फिर बाढ़ का संकट गहरा गया है। कोसी, कमला और बागमती नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। नेपाल में लगातार हो रही बारिश ने हालात को और बिगाड़ दिया है, जिसके कारण कई जिलों में बाढ़ ने व्यापक तबाही मचाई है। दरभंगा, सीतामढ़ी, सुपौल और सहरसा जैसे क्षेत्रों में लोग सहायता की गुहार लगा रहे हैं, जबकि नदियां अपने उफान पर हैं और हजारों घरों को अपने साथ बहा ले जा रही हैं।
नेपाल से कोसी नदी में रिकॉर्ड मात्रा में पानी छोड़ा गया है। इसके चलते कोसी, गंडक, गंगा और कमला जैसी नदियां उफान पर हैं, जिससे बाढ़ का व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। कई जगहों पर नदियों के तटबंध टूट गए हैं, जिससे लोगों में दहशत फैल गई है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व भी बाढ़ के पानी से प्रभावित हो गया है, जिसका सबसे अधिक असर भारत-नेपाल सीमा से लगे जिलों पर पड़ रहा है।
दरभंगा:
दरभंगा में बाढ़ ने अपने रौद्र रूप में प्रवेश कर लिया है। यहां कोसी नदी का तटबंध टूटने से किरतपुर और घनश्यामपुर प्रखंड के कई गांव प्रभावित हुए हैं। लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में जुटे हुए हैं।
भागलपुर:
भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मसाढू गांव में गंगा ने कई घरों को अपने आगोश में ले लिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें सहायता की कमी महसूस हो रही है और वे अपने आशियाने के लिए चिंतित हैं। वे सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें कहीं और बसा दिया जाए ताकि वे अपने जीवन को फिर से संवार सकें।
सीतामढ़ी:
सीतामढ़ी जिले में बागमती नदी ने 22 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यहां तीन जगहों पर बांध टूट गए हैं, जिससे लगभग 3 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। मधकौल में बांध टूटने से स्थिति और बिगड़ गई है।
पूर्वी चंपारण:
पूर्वी चंपारण में धुतहा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे भेलाही क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यहां सड़कें बंद हो गई हैं और कई गांव प्रभावित हुए हैं।
पश्चिम चंपारण:
पश्चिम चंपारण में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। गंडक नदी के तटबंध में टूटने से पानी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में प्रवेश कर गया है, जिससे स्थानीय वन्यजीवों को खतरा पैदा हो गया है।
बिहार में बाढ़ ने स्थिति को गंभीर बना दिया है, और लोग तत्काल सहायता की आशा कर रहे हैं। सरकार को इस दिशा में सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि लोगों की जान और संपत्ति की रक्षा की जा सके।