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Chhath Puja 2024: कल नहाय खाय के साथ शुरू होगा महापर्व छठ, जानें नहाय-खाय से लेकर अर्घ्य तक के बारे में सबकुछ

छठ पूजा का त्योहार कार्तिक माह में मनाया जाता है। यह त्यौहार सूर्य देव को समर्पित है। यह त्योहार महिलाएं अपने बच्चों की खुशी और लंबी उम्र के लिए रखती हैं।

Rashmi Singh
  • Nov 4 2024 12:32PM

छठ पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह चार दिवसीय व्रत सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। इस त्यौहार का धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही दृष्टि से बहुत महत्व है। यह त्यौहार दिवाली के कुछ ही दिन बाद आता है। छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय की परंपरा से होती है। यह त्यौहार 4 दिनों तक चलता है।

दूसरे दिन खरना की रस्म निभाई जाती है। छठ पूजा के तीसरे दिन यानि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा की जाती है। छठ पूजा के चौथे दिन सप्तमी तिथि को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व का समापन होता है। हिंदू धर्म में उगते सूर्य को जल या अर्घ्य तो दिया ही जाता है, लेकिन छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को भी अर्घ्य दिया जाता है। ऐसे में आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे इस साल छठ पूजा, नहाय खाय और खरना किस दिन किया जाएगा?  

कब है छठ पूजा 

पंचांग के अनुसार छठ पूजा का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है। वहीं यह पर्व सप्तमी तिथि को समाप्त होता है। ऐसे में छठ महापर्व 05 नवंबर से 08 नवंबर तक मनाया जाएगा। 

1. छठ पूजा के पहले दिन नहाय खायकिया जाता है। इस दिन स्नान और भोजन करने का विधान है। पंचांग के अनुसार, इस बार 05 नवंबर को नहाय खाय किया जाएगा।

2. छठ पूजा का दूसरा दिन खरना पूजा होती है। इस दिन महिलाएं नए मिट्टी के चूल्हे पर खीर बनाती हैं। इसके बाद उसे भोग के रूप में छठी मैया को अर्पित किया जाता है। इस दिन पूजा के बाद व्रत की शुरुआत होती है। इस बार खरना पूजा 06 नवंबर को है।

3. इसके अगले दिन यानी तीसरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस बार 07 नवंबर को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।

4. छठ पूजा के अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। इसके बाद शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण किया जाता है। इस पर्व का समापन 08 नवंबर को है।

छठी मैया की कृपा होती है प्राप्त

छठ पूजा के शुभ अवसर पर सूर्य देव और उनकी पत्नियों उषा और प्रत्यूषा की पूजा करने का विधान है। ऐसा माना जाता है कि पूजा करने से व्यक्ति को छठी मैया का आशीर्वाद मिलता है। सनातन शास्त्रों में छठी मैया को संतान की रक्षा करने वाली देवी माना गया है। इसलिए छठ पूजा के दिन छठी मैया की पूजा का विशेष महत्व है। 

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