दक्षिण दिल्ली से BJP सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी AAP पार्टी ने दिल्ली देहात के साथ विश्वासघात किया है और लगातार झूठ बोल रहे हैं। दिल्ली देहात के मामले पर बिधूड़ी ने केजरीवाल को कहीं भी बहस की चुनौती दी।
उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर केजरीवाल यह साबित कर दें कि उनके आरोप सच हैं तो मैं राजनीति से हट जाऊंगा। भाजपा प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में बिधूड़ी ने कहा कि, केजरीवाल द्वारा केंद्र सरकार पर आरोप लगाना ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ वाली स्थिति है। केजरीवाल ने दिल्ली देहात और किसानों के हित में कोई काम नहीं किया। यहां तक कि उन्होंने जो वादे किए, उन्हें भी पूरा नहीं किया।
बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली देहात की विस्तारित आबादी को नियमित करने का प्रस्ताव शीला दीक्षित सरकार ने 2013 में पारित कर दिया था और नोटिफिकेशन भी हो गया था। गांवों की आरडब्ल्यूए से कहा गया था कि वे अपना लेआउट प्लान जमा कराएं। सैंकड़ों लेआउट प्लान दिल्ली सरकार के पास जमा हुए लेकिन इस बीच केजरीवाल की पार्टी सत्ता में आ गई और आज तक उस फैसले को लागू नहीं किया गया।
बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल के साथ-साथ वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी ने वादा किया था कि दिल्ली देहात का हाउस टैक्स माफ कर दिया जाएगा लेकिन नहीं किया गया। जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की जाती थी, उन्हें वैकल्पिक आवासीय प्लॉट दिया जाता था लेकिन केजरीवाल सरकार ने इस योजना को बंद करा दिया। इसी तरह किसानों के उत्तराधिकारियों के नाम म्युटेशन को भी बंद करा दिया जिसे अभी पिछले दिनों भाजपा सांसदों के अनुरोध के बाद उपराज्यपाल महोदय ने शुरू कराया है।
बिधूड़ी ने याद दिलाया कि, केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली के किसानों को फसल पर एमएसपी का 50 प्रतिशत अतिरिक्त दिया जाएगा लेकिन इस वादे को भी पूरा नहीं किया। किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली का वादा किया लेकिन किसानों से बिजली का कमर्शियल रेट वसूला जा रहा है। जिन भूमिहीन किसानों को 20 सूत्री कार्यक्रम के अंतर्गत जमीन दी गई थी, दिल्ली सरकार को उसक मालिकाना अधिकार देना था लेकिन उस फैसले को भी यह सरकार दबाकर बैठी रही।
उन्होंने कहा कि, किसानों को कृषि यंत्रों पर सबसिडी देने का वादा इस सरकार ने पूरा नहीं किया और ट्रेक्टर जैसे आवश्यक यंत्र को भी कमर्शियल घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि, धारा 81-ए और 33-ए को समाप्त करने का फैसला भी दिल्ली सरकार के स्तर पर ही हो जाता लेकिन दिल्ली सरकार ने इसे भी लागू नहीं किया। गांवों को शहरीकृत घोषित करने का फैसला न किए जाने से ये धाराएं लागू रहीं और इसी कारण जीडीए पॉलिसी और लैंड पूलिंग पॉलिसी लागू नहीं की जा सकी।
बिधूड़ी ने कहा कि, केजरीवाल और उनकी पार्टी ने न सिर्फ दिल्ली देहात के साथ सौतेला व्यवहार किया है बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार द्वारा किसानों के लिए घोषित की गई जनकल्याणकारी योजनाओं को भी लागू नहीं होने दिया। यह किसानों के साथ शत्रुतापूर्ण व्यवहार है। दिल्ली देहात केजरीवाल के झूठ और फरेब को अच्छी तरह समझ चुका है और आगामी चुनावों में केजरीवाल को इसका सबक भी सिखाएगा।