भारत और मोरक्को के बीच द्विपक्षीय संबंधों और नौसैनिक सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से, भारतीय नौसेना का युद्धपोत INS तुषिल 27 दिसंबर 2024 को कासाब्लांका, मोरक्को पहुँचा। मोरक्को एक समुद्री राष्ट्र है और भारत की तरह इसका भौगोलिक स्थान भी अद्वितीय है, क्योंकि इसकी तटरेखा भूमध्यसागर और अटलांटिक महासागर दोनों से जुड़ी हुई है।
भारतीय युद्धपोत का यह दौरा दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच सहयोग के नए रास्तों को तलाशने का एक प्रयास है। पिछले 12 महीनों में भारतीय नौसेना के तीन जहाज - तबर, तर्कश और सुमेधा कासाब्लांका का दौरा कर चुके हैं, जिससे दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग में वृद्धि हुई है।
तुषिल का दो दिवसीय कासाब्लांका दौरा
INS तुषिल का कासाब्लांका में यह दो दिवसीय दौरा बहुत महत्वपूर्ण है। इस दौरान, तुषिल के चालक दल के सदस्य रॉयल मोरक्कन नेवी के कर्मियों के साथ कार्यात्मक स्तर पर बातचीत करेंगे और उच्च पदस्थ अधिकारियों और मेहमानों को सन्मानित करेंगे। इसका उद्देश्य नौसैनिक सहयोग, कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करना और आपसी मित्रता को बढ़ावा देना है।
पैसेक्स अभ्यास से बढ़ेगा सहयोग
दौरे के बाद, दोनों देशों की नौसेनाएँ समुद्र में एक पैसेज एक्सरसाइज (PASSEX) करेंगी, जिससे आपसी सहयोग और सर्वोत्तम अभ्यास साझा करने में मदद मिलेगी।
INS तुषिल का परिचय और यात्रा
INS तुषिल को 9 दिसंबर 2024 को रूस में कमीशन किया गया था और यह जहाज कमांडर कैप्टन पीटर वर्गीज के नेतृत्व में 250 कर्मियों की टीम द्वारा संचालित किया जा रहा है। यह फ्रिगेट अपने गृह बंदरगाह कर्वार की ओर यात्रा करते हुए मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यासों में भाग लेगा, जिससे भारत की समुद्री कूटनीति को और बढ़ावा मिलेगा।