बिहार का मुजफ्फरपुर एक बार फिर 'लव जिहाद' के चक्रव्यूह में उलझता नजर आ रहा है। बीते हफ्ते एक हिन्दू लड़की को बुर्के में कोर्ट लाने की घटना का शोर अभी थमा भी नहीं था कि अब एक और चौंकाने वाला मामला सामने आ गया है, जिसने पूरे कोर्ट परिसर को उबाल पर ला दिया। घटना बुधवार (23 अप्रैल 2025) की बताई जा रही है।
इस बार भी कहानी कुछ वैसी ही- हिन्दू लड़की, मुस्लिम युवक और बुर्के के पीछे छिपाई गई सच्चाई। लेकिन इस बार लड़की के परिजनों ने कोई चुप्पी नहीं साधी। मामला मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र का है। कोर्ट में जब पुलिस लड़की को पेश करने पहुंची, तो परिजन भड़क उठे। देखते ही देखते पूरा कोर्ट परिसर आक्रोश और नारेबाजी से गूंज उठा। भीड़ इतनी बढ़ी कि स्थिति संभालने के लिए पुलिस की अतिरिक्त टुकड़ियां बुलानी पड़ीं।
ढाई महीने से लापता थी हिंदू लड़की
परिजनों के अनुसार, मोहल्ले के ही दो मुस्लिम युवकों- आज़ाद और शमशाद ने उनकी नाबालिग बेटी को ढाई महीने पहले बहला-फुसलाकर भगा लिया था। अपहरण की FIR दर्ज हुई और पुलिस ने लंबे समय बाद लड़की को ढूंढ निकाला।
लेकिन असली हंगामा तब मचा जब पुलिस लड़की को कोर्ट में उसके बयान के लिए पेश करने पहुंची- वो भी बुर्के में। जैसे ही परिजनों को इसकी भनक लगी, वे अदालत पहुंचे और बच्ची को पुलिस की हिरासत से छुड़ाने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस से तीखी झड़प और अधिवक्ताओं से भी बहस हुई।
'हम अपनी बेटी को मुस्लिम लड़के के साथ नहीं भेजेंगे!'
लड़की के माता-पिता का साफ कहना है कि उनकी नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर ले जाया गया, और अब उसकी जबरन मुस्लिम युवक से शादी कराने की साजिश रची जा रही है। "हम किसी भी कीमत पर अपनी बेटी को एक जिहादी मानसिकता वाले युवक के साथ नहीं भेजेंगे," परिजनों ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया।
इस पूरे मामले में नगर थाना प्रभारी शरत कुमार का कहना है कि "मामला कोर्ट में विचाराधीन है और पुलिस कानून के तहत कार्रवाई कर रही है। भीड़ और तनाव की स्थिति को काबू में कर लिया गया है।"