विदेश भेजने का झांसा देकर देश के भीतर एक और बड़ा ठगी कांड सामने आया है। इस बार शिकार बने हैं उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के 40 मासूम परिवार, जिनसे मौलाना के माध्यम से लाखों रुपये ऐंठे गए। इस गोरखधंधे के पीछे है भीलवाड़ा (राजस्थान) का एक आदमी- मोइनुद्दीन उर्फ इलियास छीपा, जो अब तक फरार है और पीड़ित परिवार न्याय की तलाश में राजस्थान की सड़कों पर भटक रहे हैं।
कौम की तरक्की का झांसा
मंगलवार (15 अप्रैल 2025) को मीडिया को मौलाना शाकिर राजा ने बताया कि, 2024 में मोइनुद्दीन ने उससे संपर्क किया और बड़े-बड़े वादे किए- कौम के युवाओं को विदेश में नौकरी दिलाने, उन्हें करोड़पति बनाने और पूरे समाज को आगे बढ़ाने के सपने दिखाए। इस धार्मिक झांसे में आकर मौलाना खुद भी ठगा गया और उसने अपने संपर्क में आए 40 परिवारों से दो-दो लाख रुपये इकट्ठा कर मोइनुद्दीन के खाते में जमा करवा दिए।
जेवर बिके, सपना टूटा- न नौकरी, न जवाब
इन परिवारों ने अपने घर की खुशियां गिरवी रख दीं, यहां तक कि जेवर तक बेच दिए, ताकि बेटे-बेटियों को विदेश भेजा जा सके। लेकिन न तो कोई वीज़ा असली निकला, न टिकट। सब कुछ निकला फर्जी और धोखाधड़ी से भरा हुआ जाल।
भटक रहे हैं पीड़ित, पुलिस ने शुरू की जांच
अब ये परिवार और खुद मौलाना तीन दिनों से भीलवाड़ा की गलियों में आरोपी को ढूंढने में जुटे हैं। इस ठगी की सूचना जैसे ही पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र यादव तक पहुंची, उन्होंने जांच का जिम्मा सुभाष नगर थाने को सौंप दिया है। लेकिन सवाल ये है कि क्या अब भी मोइनुद्दीन तक कानून का हाथ पहुंचेगा? या फिर मजहब के नकाब में छिपे इस लुटेरे को राजनीतिक और धार्मिक संरक्षण मिलता रहेगा?