केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। 28 अप्रैल 2025 को बाबा केदार की डोली यात्रा ओम्कारेश्वर मंदिर, उखींमठ से केदारनाथ के लिए शुरू होगी। 2 मई को केदारनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इस बार यात्रा के दौरान यात्रियों को लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़े, इसके लिए टोकन सिस्टम लागू किया गया है। टोकन से ही यात्री निर्धारित समय पर दर्शन कर सकेंगे। इसके साथ ही, ठंड से बचने के लिए मंदिर और यात्रा मार्ग पर रेन सेल्टर बनाए गए हैं।
स्वास्थ्य सुविधाओं का ध्यान यात्रियों की स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए पिछले साल की तरह इस बार भी कई स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं। केदारनाथ, केदारनाथ बेस कैंप, लिंचोली, छोटी लिंचोली, रामबाड़ा, भीमबली, जंगल चट्टी, गौरीकुण्ड और सोनप्रयाग में स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों पर आवश्यक चिकित्सा उपकरण, दवाइयां, चिकित्सक और फार्मासिस्ट उपलब्ध रहेंगे। हर केंद्र पर ऑक्सीजन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
यात्रियों की समस्याओं के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट यात्रियों की समस्याओं और शिकायतों के समाधान के लिए रुद्रप्रयाग से लेकर केदारनाथ धाम तक हर दो से तीन किलोमीटर के दायरे में सेक्टर और सब सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, पीआरडी और होमगार्ड के जवान भी यात्रियों की सहायता के लिए नियुक्त किए गए हैं।
सुरक्षा के उपाय केदारनाथ यात्रा की पैदल यात्रा सबसे कठिन मानी जाती है, और आपदाओं के कारण भी यह इलाका संवेदनशील है। 2013 की आपदा के बाद से यहां समय-समय पर प्राकृतिक आपदाएं आती रही हैं। पिछले साल आई आपदा के दौरान रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने त्वरित राहत और बचाव कार्य कर हजारों यात्रियों की जान बचाई थी। इस बार भी पैदल यात्रा मार्ग पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड के जवान तैनात रहेंगे। इनकी संख्या 500 से अधिक होगी जो यात्रियों की सुरक्षा में लगे रहेंगे।
रुद्रप्रयाग का डिजास्टर रिलीफ इंट्रानेट आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने 'डिस्टिक डिजास्टर रिलीफ इंट्रानेट' नाम से एक नया इंट्रानेट सिस्टम स्थापित किया है। इस इंट्रानेट से यात्रा मार्ग पर इंटरनेट की सुविधा बनी रहेगी, और वॉइस कॉलिंग की भी सुविधा मिलेगी। यह इंट्रानेट रुद्रप्रयाग के स्कूलों से भी जुड़ा हुआ है, जहां ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं। इसके अलावा, मुख्य पड़ावों पर आपातकालीन यंत्र भी लगाए गए हैं जिनसे आपदा नियंत्रण कक्ष को तुरंत सूचित किया जा सकेगा।
सीसीटीवी से निगरानी और यात्रा कंट्रोल रूम केदारनाथ यात्रा मार्ग, पैदल मार्ग और केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इससे यात्रा की हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी। जिला मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है जहां से यात्रा की पूरी गतिविधि का संचालन किया जाएगा। केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भरने वाले सभी हेलीपैडों पर भी सीसीटीवी निगरानी रखी जाएगी।
मुख्य सचिव का निरीक्षण शनिवार को उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने केदारनाथ धाम पहुंचकर यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि 'यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, और जो छूट गई हैं, उन्हें जल्द ही पूरा किया जाएगा। सभी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं, ताकि यात्रा में कोई भी समस्या न हो और श्रद्धालुओं को सुविधाजनक दर्शन मिल सकें।'