झाँसी का महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज। शुक्रवार देर रात अस्पताल के शिशु वार्ड में शॉर्ट सर्किट से भीषण आग लग गई। हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई है। वहीं 37 बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया है। आग लगने से अस्पताल में भगदड़ मच गई। इस हादसे में कई परिवारों ने अपने मासूम बच्चों को खो दिया।
शुरुआती जांच में पता चला है कि आग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग की वजह से लगी. सूचना मिलते ही डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक सुबह-सुबह मेडिकल कॉलेज पहुंचे और घटना की जानकारी ली। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृत नवजात के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. साथ ही तीन कमेटियां बनाकर पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, सरकार परिवारों के साथ
डिप्टी सीएम ने कहा कि हर हाल में घटना के कारणों को तथ्यात्मक रूप से सामने लाया जायेगा. घटना किन कारणों से और कैसे घटी, किसकी लापरवाही रही। ये सारी बातें सामने लायी जायेंगी. पूरी सरकार मृत और घायल बच्चों के परिवारों के साथ खड़ी है।निर्देश दिया गया है कि सभी घायलों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करायी जाएं।
सभी कारणों को लाएंगे सामने
ब्रजेश पाठक ने कहा कि जानकारी मिलते ही वे जिला और मेडिकल कॉलेज प्रशासन से संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि उनके साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव भी आये हैं. घटना के हर पहलू की जांच की जाएगी। हर हाल में घटना के कारणों को स्पष्ट किया जाएगा। यदि लापरवाही हुई और कोई दुर्घटना हुई तो सभी कारणों को सामने लाया जाएगा। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों, स्टाफ और पैरा मेडिकल कॉलेज स्टाफ की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि आग से घिरे बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सभी ने कड़ी मेहनत की।
राज्य के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक शनिवार सुबह मेडिकल कॉलेज पहुंचे और घटना की जानकारी ली। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिए तीन कमेटियां बनाई गई हैं।
1. पहली जांच शासन स्तर पर स्वास्थ्य विभाग करेगा। इसमें फायर ब्रिगेड के अधिकारी भी शामिल होंगे।
2. दूसरी जांच जिला स्तर पर प्रशासन कराएगा।
3. तीसरी मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने डीआईजी व कमिश्नर से पूरी घटना की प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट 12 घंटे में अलग से मांगी है, ताकि आगे के कदम उठाए जा सकें।
कैसे लगी आग?
शुरुआती जांच में हादसे का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है. एसएसपी ने कहा, 'इस घटना के पीछे किन परिस्थितियों या लापरवाही के कारण आग लगी, इसकी विस्तृत जांच की जा रही है।' उन्होंने यह भी बताया कि हादसे के बाद कुछ माता-पिता अपने बच्चों को घर ले गए. एनआईसीयू में भर्ती बच्चों की स्थिति की जांच की जा रही है। मेडिकल कॉलेज ने बताया कि हादसे के वक्त एनआईसीयू में 52 से 54 बच्चे भर्ती थे, जिनमें से 10 की मौत हो गई और 16 का इलाज चल रहा है।