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Uttarakhand UCC: उत्तराखंड में जल्द लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड, समिति ने CM धामी को सौंपा नियमावली

Uniform Civil Code: UCC नियमावली का ड्राफ्ट कमेटी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा।

Ravi Rohan
  • Oct 18 2024 4:09PM

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के कार्यान्वयन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्य सरकार ने 2022 में एक विशेष समिति का गठन किया था, जिसका उद्देश्य UCC का मसौदा तैयार करना था। इस समिति द्वारा तैयार मसौदा 7 फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा में पारित हुआ, और 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त कर "उत्तराखंड समान नागरिक संहिता अधिनियम 2024" के रूप में मान्यता मिली।

अब, राज्य सरकार इस अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए तैयार है। इसके लिए एक नई समिति का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह कर रहे हैं। इस समिति ने 18 अक्टूबर 2024 को नियमावली के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण राज्य सरकार को सौंप दिए हैं।

नियमावली चार प्रमुख क्षेत्रों में विभाजित है:
1. विवाह और तलाक
2. लिव-इन रिलेशनशिप
3. जन्म और मृत्यु का पंजीकरण
4. उत्तराधिकार से संबंधित प्रक्रियाएं

राज्य सरकार ने नागरिकों की सुविधा के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल ऐप भी विकसित किया है, जिसके माध्यम से नागरिक अपने पंजीकरण और अन्य आवश्यक कार्य आसानी से कर सकेंगे। इस पहल का उद्देश्य प्रक्रियाओं को सरल और सुलभ बनाना है, ताकि नागरिकों को किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करना है। यह कानून किसी विशेष वर्ग के खिलाफ नहीं है, बल्कि सभी वर्गों को समान अधिकार देने और न्याय सुनिश्चित करने के लिए बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक कानून के लक्ष्य की दिशा में है।

इस पहल के साथ, उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन सकता है जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी। यह कदम राज्य के नागरिकों को एक समान न्याय प्रणाली प्रदान करेगा और देशभर में समान नागरिक कानून की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल होगी। राज्य सरकार की योजना है कि इस अधिनियम को नवंबर 2024 तक प्रभावी रूप से लागू किया जाए, जिससे उत्तराखंड को एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुधार के रूप में पहचान मिलेगी।

सीएम धामी ने बताया कि यह कानून किसी विशेष वर्ग के लिए नहीं, बल्कि सभी को समान न्याय प्रदान करने के उद्देश्य से लाया जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह अधिनियम राज्य स्थापना दिवस, 9 नवंबर को लागू किया जा सकता है।


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