अक्षय तृतीया, जिसे अखा तीज भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में अत्यंत शुभ और पवित्र तिथि मानी जाती है। इस वर्ष यह दिव्य पर्व 30 अप्रैल 2025 को बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। "अक्षय" का अर्थ है — जो कभी क्षय न हो, और इस दिन किए गए पुण्य कर्मों का फल भी अक्षय रहता है।
अबूझ मुहूर्त का विशेष महत्व
अक्षय तृतीया का दिन ऐसा माना जाता है जब किसी भी शुभ कार्य के लिए विशेष मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती। विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार आरंभ या कोई भी नया कार्य — इस दिन किए गए प्रयास शुभ फलदायी माने जाते हैं।
माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने का विशेष उपाय
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन माँ लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए कुछ सरल और प्रभावी उपाय अवश्य करने चाहिए:
घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों और गेंदे के फूलों से तोरण सजाएं।
घर के मंदिर में सफेद कमल का फूल अर्पित करें।
श्रद्धापूर्वक "श्री सूक्त" का पाठ करें।
ऐसा करने से माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख, शांति तथा समृद्धि का वास होता है।
स्वर्ण और दान का महत्व
इस दिन स्वर्ण (सोना), चांदी, भूमि या वाहन खरीदना विशेष शुभ माना जाता है। साथ ही, गरीबों को अन्न, वस्त्र, या धन का दान करने से जीवन में पुण्य और समृद्धि दोनों का संचार होता है।
श्रद्धा और आस्था का महत्व
ध्यान रहे, भक्ति और निःस्वार्थ भावना से किया गया प्रत्येक छोटा प्रयास भी माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने में सक्षम होता है। इस पावन अवसर पर श्रेष्ठ संकल्प लें और अपने जीवन को नई ऊर्जा और सकारात्मकता से भर दें।