रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली स्थित एयर मुख्यालय में आज यानी मंगलवार को एयर फोर्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (AFCC) को संबोधित किया। इस सम्मेलन में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, सचिव (DDR&D) और DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कमत, रक्षा उत्पादन सचिव संजय कुमार और भारतीय वायु सेना (IAF) के वरिष्ठ कमांडरों ने भाग लिया।
रक्षा मंत्री का स्वागत और परिचय
एयर मुख्यालय पहुंचने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का स्वागत वायु सेना प्रमुख (CAS) एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने किया। इसके बाद, उन्हें भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमता पर एक ब्रीफिंग दी गई।
वायु सेना की भूमिका की सराहना
अपने संबोधन में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायु सेना की समर्पण और पेशेवरता की सराहना की, जो देश की संप्रभुता की रक्षा में अहम भूमिका निभा रही है। उन्होंने वायु सेना की क्षमता को अद्यतन चुनौतियों के अनुरूप ढालने में विश्वास व्यक्त किया और वायु सेना कमांडरों और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से यह आग्रह किया कि वे क्षमता निर्माण और क्षमता विस्तार की प्रक्रिया को अधिक कुशल और प्रभावी बनाने के उपायों पर ध्यान केंद्रित करें, ताकि यह देश की राष्ट्रीय आकांक्षाओं और लक्ष्यों के अनुरूप हो।
गंभीर मुद्दों पर चर्चा
सम्मेलन में महत्वपूर्ण परिचालन, प्रशासनिक और रणनीतिक मुद्दों पर गहरी चर्चा की गई। इस अवसर पर, शीर्ष नेतृत्व ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और चीफ ऑफ नेवल स्टाफ के साथ बैठक की, ताकि तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
आत्मनिर्भरता और रणनीतिक दृष्टिकोण
यह सम्मेलन भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ नेतृत्व के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां वे वर्तमान चुनौतियों पर विचार-विमर्श करते हैं और भविष्य की रणनीतियों को तैयार करते हैं। सम्मेलन का उद्देश्य वायु सेना की परिचालन उत्कृष्टता और रक्षा क्षमताओं में आत्मनिर्भरता (Atmanirbharta) को बनाए रखना है। यह चर्चा और रणनीतिक सत्र भारतीय वायु सेना की भविष्यवाणी और सुरक्षा संबंधी दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकते हैं, जो देश के सुरक्षा ढांचे को और भी मजबूत बनाएंगे।