करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र तिरुपति तिरुमाला मंदिर को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। तिरुपति बालाजी मंदिर में मिलने वाले लड्डुओं में मिलावट का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने लड्डू में वसा और गोमांस की मौजूदगी की पुष्टि की है। NDDB की रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा हुआ है।
बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, तिरूपति मंदिर के लड्डू बनाने में मछली के तेल, बीफ और चर्बी का उपयोग किया जाता है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि इन लड्डुओं को न सिर्फ भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में बांटा गया, बल्कि इन लड्डुओं को भगवान को भी भोग के रूप में चढ़ाया जाता है।
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने स्पष्ट किया कि, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड ने पिछले चार वर्षों से उनसे घी नहीं खरीदा है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के तहत सेंटर ऑफ एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (CALF) लैब की एक रिपोर्ट ने घी में पशु वसा होने की पुष्टि की है। रिपोर्ट में संकेत दिया गया कि घी में मछली के तेल और गोमांस की चर्बी के अंश थे। लार्ड एक अर्ध-ठोस सफेद वसा उत्पाद है जो सुअर के वसा ऊतक से प्राप्त किया जाता है।
चंद्रबाबू नायडू ने लगाए थे आरोप
रिपोर्ट में तिरुपति मंदिर के लड्डुओं और अन्नदानम के नमूनों की जांच में सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। उधर, आंध्र प्रदेश में तिरुपति मंदिर में प्रसादम् के तौर पर दिए जाने वाले लड्डू को लेकर सियासी तूफान खड़ा हो गया है। CM एन. चंद्रबाबू नायडू ने वाईएस जगन मोहन रेड्डी को घेरा और आरोप लगाया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने तिरुमाला में तिरुपति लड्डू प्रसादम् तैयार करने के लिए घी के बजाय पशु वसा का इस्तेमाल किया था। यह प्रसाद भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को दिया जाता है। नायडू ने आरोप लगाते हुए कहा था कि तिरुमाला के लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाए गए थे।