उत्तर प्रदेश के लखनऊ में चर्चित हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड में साजिशकर्ता को जमानत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू समाज पार्टी के नेता की हत्या मामले में आरोपी सैयद आसिम अली को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। इससे पहले अप्रैल 2024 में प्रयागराज हाईकोर्ट ने सैयद आसिम अली की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। लेकिन आरोपी ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब वो न्यायिक हिरासत से बाहर आ जाएगा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि, इस केस के 13 आरोपियों में से 8 आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है, इस आधार पर सैयद आसिम अली को जमानत दे दी गई है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति अगस्टाइन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह फैसला सुनाया। दोनों ने कहा कि, आरोपित पहले से ही साढ़े 4 साल से जेल में रह चुका है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज ट्रांसफर किया केस
कमलेश तिवारी की हत्या अक्टूबर 2019 में कट्टरपंथियों ने दफ्तर में घुस कर की थी। उन पर गोलियों के साथ चाकू से वार किया गया था। बताया जाता है कि आरोपी सैयद आसिम अली पर हत्यारों के संपर्क में रहने और उन्हें कानूनी मामलों में मदद करने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि आसिम अली का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और उस पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला नहीं चलाया गया था। कमलेश तिवारी हत्याकांड का मामला लखनऊ की अदालत में सुनवाई के लिए गया। हालांकि, 2021 में सर्वोच्च न्यायालय ने ट्रायल को लखनऊ से प्रयागराज स्थांतरित कर दिया था।