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Mahalaya 2024: शारदीय नवरात्रि से पहले क्यों होता है महालया... जानें महत्व और तिथि

Navratri 2024: अक्टूबर में कब पड़ रहा है महालया अमावस्या, नवरात्रों से क्या है इसका संबंध? आइए जानें

Ravi Rohan
  • Sep 30 2024 1:16PM

आश्विन महीने में शारदीय नवरात्र का आगमन होता है, जो दशमी के दिन मां दुर्गा के विसर्जन के साथ समाप्त होता है। इस अवसर पर मां दुर्गा की विशेष पूजा और आराधना की जाती है। यह पर्व पितृपक्ष के अंत के बाद शुरू होता है। महालया, जिसे सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, इस दिन मां दुर्गा कैलाश पर्वत से प्रस्थान करती हैं।

महालया अमावस्या को पितरों के तर्पण और श्राद्ध के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे सर्व पितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष, महालया अमावस्या 2 अक्टूबर, बुधवार को मनाई जाएगी। यह तिथि पितृदोष से मुक्ति पाने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है।

महालया अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध करने से न केवल उनकी आत्मा को शांति मिलती है, बल्कि तर्पण करने वाले व्यक्ति के पुण्य में भी वृद्धि होती है। आइए, इस विशेष दिन का महत्व और पूजा विधि को समझते हैं।

महालया कब है?

पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या मनाई जाती है। यह दिन पितृपक्ष का अंतिम दिन होता है, और इस बार महालया 2 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इसके बाद शारदीय नवरात्र का आरंभ होगा।

महालया अमावस्या 2024 मुहूर्त

कुतुप मुहूर्त: सुबह 11:46 से 12:34 तक
रौहिण मुहूर्त: दोपहर 12:34 से 1:21 तक
अपराह्न काल: दोपहर 1:21 से 3:43 तक


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