हिमाचल प्रदेश में अवैध मस्जिदों और मजारों के निर्माण पर रोक लगाने के लिए देवभूमि संघर्ष समिति ने शिमला के सीटीओ चौक पर प्रदर्शन किया। इस आंदोलन के तहत प्रदेश के विभिन्न जिला मुख्यालयों में भी प्रदर्शन आयोजित किए गए। शिमला में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिससे जिला पुलिस व खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गईं। मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
मंडी में मस्जिद के निकट पुलिस बल तैनात किया गया है। सेरी चानणी परिसर में एकत्रित होकर हिंदू संगठनों ने "हिंदू एकता जिंदाबाद" के नारे लगाए। इसके बाद उन्होंने रैली निकालकर अपनी संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। देवभूमि संघर्ष समिति, महामंडलेश्वर और नागा साधुओं के नेतृत्व में नगर परिक्रमा करने की योजना बनाई गई है, जिसमें भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाएगा।
इस समिति ने केंद्र सरकार से वक्फ बोर्ड को समाप्त करने और अवैध प्रवासियों पर रोक लगाने के लिए प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा है। संजौली और अन्य जगहों पर हुए प्रदर्शनों के दौरान दर्ज एफआईआर को वापस लेने की भी मांग की गई है। समिति ने 2 अक्टूबर को ग्राम सभाओं में बाहर से आने वाले लोगों के दस्तावेजों की जांच करने का प्रस्ताव पेश करने की बात कही है। उनका कहना है कि राज्य सरकार संजौली मामले में टालमटोल कर रही है और मुस्लिम पक्ष को कार्रवाई करने से रोक रही है।
कुनिहार में एक क्षेत्रीय हिंदू संगठन ने प्रवासियों के पंजीकरण को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान पूरे बाजार को बंद रखा गया। संगठन ने नायब तहसीलदार कार्यालय के बाहर भी हनुमान चालिसा का पाठ किया और तहसीलदार के माध्यम से प्रदेश सरकार को एक मांग पत्र सौंपा।
देव संघर्ष समिति ने शनिवार को हमीरपुर में वाटर चौक से गांधी चौक तक रैली आयोजित की, जिसमें वक्फ बोर्ड को भंग करने की मांग की गई। समिति के जिला संयोजक सुजीत कुमार ने कहा कि अवैध निर्माण को भी रोका जाना चाहिए और उन्होंने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।