भगवान परशुराम जयंती 29 अप्रैल 2025 को बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है। इस बार परशुराम जयंती पर बेहद शुभ और विशेष योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व और बढ़ गया है। पंचांग के अनुसार, 29 अप्रैल को तृतीया तिथि रहेगी, जो भगवान परशुराम के अवतरण की तिथि मानी जाती है।
इस दिन चित्रा नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग भी बन रहा है, जिसे अत्यंत मंगलकारी और फलदायी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत, पूजा और दान करने से व्यक्ति को विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है और सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
शुभ मुहूर्त और विशेष योग
इस नक्षत्र में किए गए कार्यों को दीर्घकालिक सफलता का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा, सर्वार्थ सिद्धि योग का बनना इस दिन को और भी खास बना देता है, क्योंकि इस योग में किए गए धार्मिक कार्य कई गुना फलदायी होते हैं।
भगवान परशुराम की पूजा विधि
इस दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान परशुराम का पूजन पीले या सफेद पुष्पों से करें। तिलक के लिए चंदन का उपयोग करें और विशेष रूप से परशुराम मंत्र "ॐ जमदग्न्याय नमः" का जाप करें। कथा और आरती के बाद जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दान करना अत्यंत शुभ माना गया है।
धार्मिक महत्व
भगवान परशुराम को शस्त्र विद्या और न्याय के प्रतीक रूप में पूजा जाता है। वे विष्णु जी के छठे अवतार माने जाते हैं और धर्म की रक्षा के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। परशुराम जयंती का दिन शक्ति, ज्ञान और संकल्प का प्रतीक है।