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ओवैसी के गुर्गे ने किया इशारा तो बरसने लगे पत्थर; नासिक पुलिस ने मुख्तार शेख को दबोचा... महाराष्ट्र में पाँव पसार रहा जिहादी दुस्साहस

नासिक में दरगाह हटाने के दौरान हुआ बवाल, AIMIM नेता गिरफ्तार

Rashmi Singh
  • Apr 19 2025 1:35PM

महाराष्ट्र के नासिक जिले में अवैध दरगाह को हटाए जाने मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। नासिक पुलिस ने मामले में दंगा भड़काने के आरोप में एआईएमआईएम (AIMIM) नेता मुख्तार शेख को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर भीड़ को उकसाने, पुलिस पर हमला करने और शांति भंग करने के आरोप लगे हैं। अब तक इस मामले में कुल 35 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। यह घटना शनिवार (19 अप्रैल 2025) की है। 

इस पूरी कार्रवाई की शुरुआत बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद हुई, जिसमें नगर प्रशासन को अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया गया था। मंगलवार (15 अप्रैल 2025) को नाशिक महानगरपालिका की टीम बुलडोजर लेकर मौके पर पहुंची, लेकिन जैसे ही तोड़फोड़ शुरू हुई, बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

उन्मादी भीड़ ने उग्र रूप ले लिया और पुलिस बल पर पथराव शुरू कर दिया। हालात बेकाबू होने पर पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा। इस झड़प में कुल 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पुलिस के तीन वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए।

भीड़ का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उन्होंने उन मुस्लिम नेताओं पर भी हमला कर दिया जो वहां स्थिति शांत करने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस को स्थिति काबू में करने के लिए अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा और देर रात तक हालात सामान्य करने की कोशिश जारी रही।

AIMIM नेता मुख्तार शेख पर दंगा भड़काने के गंभीर आरोप

बता दें कि, नाशिक में अवैध दरगाह को हटाने गई नगर प्रशासन की टीम पर हमले के बाद इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बन गई। बताया जा रहा है कि बिजली गुल होने का फायदा उठाकर एकत्रित भीड़ ने अचानक पथराव शुरू कर दिया, जिसमें लगभग 20 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। पुलिस की जांच में AIMIM नेता मुख्तार शेख का नाम सामने आया है, जिन पर भीड़ को इकट्ठा करने और हिंसा के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। दावा किया जा रहा है कि शेख ने लोगों को पत्थरबाजी के लिए भी प्रेरित किया।

दरगाह को किया गया ध्वस्त

बुधवार (16 अप्रैल 2025) की सुबह तक प्रशासन ने दरगाह को पूरी तरह से गिरा दिया। इस पूरी घटना को लेकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और संदिग्धों की पहचान कर गिरफ्तारी का सिलसिला तेज कर दिया। जानकारी के मुताबिक, 1 अप्रैल 2025 को अदालत के निर्देश के बाद दरगाह को हटाने का नोटिस जारी किया गया था, लेकिन 15 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके बाद प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा।

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