दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भरने और इसमें फंसने से तीन छात्रों की मौत हो गई. वहीं इस हादसे के बाद अब दिल्ली फायर सर्विस का बयान सामने आया है.
बता दें कि, दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर अतुल गर्ग ने हादसे को लेकर कोचिंग सेंटर में लगे लोहे के गेट को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि यह गेट सड़क पर बहने वाले पानी को रोकने के लिए लगा था. सड़क से गुजर रहे एक ट्रक के दबाव की वजह से यह गेट टूट गया और सड़क पार बहता हुआ सारा पानी बेसमेंट में गिरने लगा.
डॉयरेक्टर ने बताया कि यह एक संभावना है. घटना के कारणों की जांच कराई जा रही है. दरअसल इस हादसे के बाद खुद दिल्ली फायर सर्विस भी सवालों के घेरे में आ गई है. फायर सर्विस की नियमावली के मुताबिक बेसमेंट में इस तरह की गतिविधियों के लिए अनुमति नहीं दी जा सकती.
कोचिंग सेंटर हादसे पर दिल्ली फायर सर्विसेज के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि शनिवार शाम करीब 7:10 बजे हमें फोन आया कि करोल बाग इलाके में भारी बारिश हो रही है और एक बेसमेंट में 2 या 3 बच्चे फंसे हुए हैं. जब हमारी टीम वहां पहुंची तो देखा कि बेसमेंट में पानी भरा हुआ था. पहले हमें पंप से पानी निकालना पड़ा लेकिन जब हमने ऐसा करने की कोशिश की तो सड़क का पानी बेसमेंट में जाता रहा, इसमें काफी समय लग गया. हमने बेसमेंट से पानी बाहर निकाला और पानी का स्तर 12 फीट से घटकर 8 फीट हो गया. फिर हमने छात्रों के शव निकाले.
अब हमने सारा पानी बाहर निकाल दिया है और बचाव अभियान खत्म हो गया है. अंदर पानी कैसे गया और बेसमेंट के अंदर क्लास क्यों चला रहे थे, ये बातें जांच का विषय हैं.
वहीं दिल्ली फायर सर्विस के डायरेक्टर अतुल गर्ग के इस बयान के बाद बहस तेज हो गई है. सवाल उठ रहा है कि ट्रक सड़क से निकला, लेकिन कोचिंग सेंटर तो सड़क से थोड़ा हट के था. ऐसे में कोचिंग के अंदर लगा यह लोहे का गेट कैसे टूट गया. वहीं दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से हुई तीन छात्रों की मौत के बाद छात्रों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
वहीं AAP सांसद स्वाति मालीवाल भी प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच पहुंची. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि बच्चे बहुत दु:खी हैं और बहुत गुस्से में हैं. 12 घंटे से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक न दिल्ली सरकार के कोई मंत्री या दिल्ली की मेयर आई हैं, कोई अधिकारी नहीं आया है. इन बच्चों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है. मैं मानती हूं कि ये मौत कोई आपदा नहीं है बल्कि ये हत्या है, जितने भी दिल्ली सरकार के बड़े-बड़े लोग हैं उन पर FIR दर्ज होनी चाहिए. जितने बच्चों की मौत हुई है उनके घर पर जाकर 1 करोड़ का मुआवजा देना चाहिए. दिल्ली मंत्री और मेयर को तुरंत यहां पर आना चाहिए.