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जर्जर निष्प्रयोजन घोषित स्कूलों में भी चली कक्षाएं: फत्तू का पूरा में किचेन शेड में गुरुजी ने संचालित की क्लास,BSA बोले सरकार से धन आवंटित होने पर कराई जायेगी मरम्मत

कौशांबी। परिषदीय विद्यालयों का शिक्षा सत्र शुरू हो चुका है विद्यालयों में नौनिहालों की शिक्षा के लिए स्कूल भवन तैयार होने का दावा किया गया बावजूद इसके कई जगहों पर बच्चों को जर्जर भवन एवं निष्प्रयोजन घोषित विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है छत से पानी टपक रहा है अनहोनी की आशंका में वाक्य की कक्षाएं किचन से या फिर दूसरे कमरों में बैठ कर सामूहिक शिक्षण दी गई। जर्जर भवनों में शिक्षा के बाबत बीएसए कमलेंद्र कुशवाहा ने शासन से बजट न आने का रोना रोकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया

अरविंद तिवारी
  • Jul 2 2024 1:47PM


कंपोजिट विद्यालय कैमां में कक्षा 6 से लेकर 8 तक के भवन पूरी तरह से जर्जर है। कक्षा तीन और चार का भी यही हाल है। यहां 97 बच्चों का नामांकन कराया गया है, लेकिन विद्यालय में 35 बच्चे ही आए। विद्यालय में पढ़ाई की बारी आई तो कक्षाओं से बरसात का पानी टपकने लगा। छत से सीमेंट और छोटी-छोटी गिट्टिया भी गिर रही है। बच्चों को एक व 5 की कक्षा में बैठ कर ही अध्यापक शिक्षा दे पा रहे हैं।

फत्तू का पूरा प्राइमरी स्कूल में 105 बच्चों का दाखिला है, लेकिन 62 बच्चे ही स्कूल पहुंचे दो कक्षीय भवन की हालत बेहद खराब है। कब ढह जाएगा कुछ नहीं कहा जा सकता। बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए किचन शेड में अध्यापकों ने क्लास चलाई। प्रिंसिपल अमित गुप्ता ने बताया, विभागीय अधिकारियों को कई बार भवन के जर्जर होने की लिखा पढ़ी की गई है। लेकिन अभी समस्या से निजात नहीं दिलाई गई। कई बच्चे विद्यालय से नाम कटवा कर अन्य स्कूलों में पढ़ रहे हैं।

कंपोजिट विद्यालय फाजिलपुर गोपालपुर में कक्षा 6, 7 और 8 का भवन पूरी तरीके से जर्जर है। पिछले शैक्षिक सत्र में इसे निष्प्रयोग घोषित किया गया था। अब जूनियर के बच्चों को प्राइमरी की कक्षाओं में बैठ कर पढ़ना मजबूरी बन गया है। प्रायमरी का दो पक्षी भवन भी जर्जर है। 170 बच्चों का नामांकन है, लेकिन बच्चों की उपस्थिति 99 रही। विद्यालय की टीचर्स का कहना है कि विभाग से पत्राचार के बाद भी भावनाओं का निर्माण नहीं शुरू कराया गया।

उच्च प्राथमिक विद्यालय मोहम्मदपुर अमेठा का हाल भी ठीक नहीं है। यहां कार्यालय से लेकर बरामदा और कक्षाओं तक का भवन जर्जर है। इन भवनों की छत की सरिया साफ देखी जा सकती है। कई जगह लेटर टूटने से होले हो गया है। एक दिन पहले हुई बारिश में छत से पानी टपक रहा है। बच्चों को किसी तरह दूसरे कमरों में बैठकर टीचर शिक्षा दे रहे है।

बीएसए कमलेंद्र कुशवाहा ने बताया, विद्यालयों के जर्जर भवनों के रिपोर्ट मंगा कर शासन को भेजी जा चुकी है। धन आवंटित होने पर मरम्मत एवं नए भवनों का निर्माण कार्य कराया जाएगा। शिक्षकों को बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर पढ़ाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

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