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Sawan Shivratri 2024: सावन की शिवरात्रि आज, जानिए महत्व, जलाभिषेक शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और उपाय

सावन महीने की शिवरात्रि का शुभ योग आज है। इस शिवरात्रि का अपना एक खास महत्व होता है। इस दिन लोग व्रत रखते है और शिव-पार्वती की पूजा करते है।

Rashmi Singh
  • Aug 2 2024 10:05AM

सावन के पावन महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। इस महीने का हर दिन पवित्र माना जाता है। ऐसे में सावन के महीने में शिवरात्रि आती है। इस शिवरात्रि का अपना एक खास महत्व होता है। महाशिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की सबसे प्रिय रात्रि मानी जाती है। इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने वालों के हर संकट बहते पानी की तहर मिटते चले जाते है। सावन की शिवरात्रि करने से कई गुना फल प्राप्त होता है। 

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दिन सभी को शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाना चाहिए। पौराणिक कथाओं की मानें तो शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का दिन होता है। हर माह की तरह इस माह में शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। आज यानी 2 अगस्त को महाशिवरात्रि का यह पावन व्रत रखा जा रहा है। शिव भक्तों के लिए सावन महीने की शिवरात्रि का महत्व महाशिवरात्रि के बराबर होता है। सावन शिवरात्रि के दिन व्रत रखने, पूजा करने जलाभिषेक करने, रुद्रभिषेक करने और व्रत रखने आदि से मनोवांछित फल प्राप्त होता है। 

सावन शिवरात्रि पर शिव पूजा का मुहूर्त

चर (सामान्य) - सुबह 05.43 - सुबह 07.24
लाभ (उन्नति) - सुबह 07.24 - सुबह 09.05
अमतृ (सर्वोत्तम) - सुबह 09.05 - सुबह 10.46
प्रदोष काल - शाम 05.30 - रात 07.11

सावन शिवरात्रि शूभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार आज यानी सावन शिवरात्रि के दिन पूजा करने का समय दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से शुरु होगी। साथ ही इसका समापन 3 अगस्त यानी कल दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर होगा। इस बार सावन शिवरात्रि बहुत ही खास मानी जा रही है। क्योंकि इस दिन कई सारे शुभ योगों का भी निर्माण हो रहा है। बता दें कि, आज व्रज योग, हर्ष योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग आज सुबह 10 बजकर 59 मिनट से शुरु होगा और समापन 3 अगस्त यानी कल सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर होगा। 

शिवरात्रि पर जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त

निशिता काल पूजा मुहूर्त - सावन शिवरात्रि के दिन भोलेनाथ की पूजा रात में होती है। ऐसे में सावन शिवरात्रि पर प्रात: 12.06 मिनट से सुबह 12.49 के बीच जलाभिषेक का मुहूर्त बन रहा है।  कहते हैं इस दिन प्रदोष काल और रात्रि काल में शिवलिंग में महादेव का वास होता है।

सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक और पूजा विधि

सावन शिवरात्रि पर गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करे। इसके बाद आप कच्चे दूध, दही, शहद, जल आदि या पंचामृत से अभिषेक कर सकते हैं. अभिषेक के दौरान 'ॐ नमः शिवाय मंत्र' का जाप करें। अभिषेक के बाद शिवलिंग पर भांग, धतूरा, बेलपत्र, शमी के पत्ते,फूल, फल और मिष्ठान आदि चढ़ाकर धूप-दीप जलाएं, आखिर में शिवजी की आरती करें।

सावन शिवरात्रि पर 19 साल बाद दुर्लभ संयोग

सावन शिवरात्रि 19 साल बाद आर्द्रा नक्षत्र में मनाई जाएगी। आर्द्रा नक्षत्र के देवता रूद्र (शिव) माने गए है। आर्द्रा नक्षत्र 1 अगस्त को सुबह 10.24 से शुरू होगा और 2 अगस्त 2024 को सुबह 10.59 पर समाप्त होगा। ऐसे में इस दौरान शिव पूजा का दोगुना फल मिलेगा।

सावन शिवरात्रि के दिव्य उपाय 

धन प्राप्ति के लिए- दूध, दही, शहद, शक्कर और घी से भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके बाद जल धारा अर्पित करें। फिर धन प्राप्ति के लिए प्रार्थना करे। 

विवाह के लिए-  शिवलिंग पर 108 बेल पत्र अर्पित करें। हर बेल पत्र के साथ नम: शिवाय कहें। 

रोजगार में लाभ- शिवरात्रि के दिन जलधारा से भगवान शिव का अभिषेक करें। शिव मंदिर में 1 घी के दीपक जलाएं। 

स्वास्थ के लिए - इत्र से भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके बाद जल अर्पित करें। मंदिर में ही ऊं जू स: माम पालय पालय का 11 माला जाप करें। संभव हो तो रुद्राक्ष की माला भी आज से धारण करें। 

संतान के लिए- शिवलिंग पर घी अर्पित करें। फिर जल की धारा अर्पित करें। इसके बाद संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। 

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