दिल्ली के नरेला में आरएसएस कार्यकर्ता जितेंद्र कुमार भारद्वाज जी की हत्या कर दी गई है। उनका शव नरेला इलाके में सोमवार की सुबह रेलवे लाइन के पास मिला। कुछ लोग RSS के जिला कार्यवाहक जितेंद्र कुमार की मौत को मामूली हादसा बताने में लगे है। मगर सवाल ये उठता है कि, ट्रेन के पास यदि एक्सीडेंट हुआ है तो शव इतनी घनी झाड़ियों में कैसे पहुँचा?
इसके साथ ही सुदर्शन न्यूज़ के हाथ एक और RSS कार्यकर्ता की हत्या का पुख़्ता सबूत लग गया है। बात दें कि भारद्वाज जी को पहले नीली चुन्नी से बांधा गया था। और उसके बाद उनके शव को झाड़ियों में छिपाने की कोशिश की गई थी। वहीं पुलिस इस मामले की हर एंगल से जाँच कर रही है।
घटनास्थल से मिला कश्मीरी का आधार कार्ड
दिल्ली के नरेला में संघ कार्यवाहक का रेल पटरी पर शव मिलने से हड़कंप मच गया था। परिवार ने कई गंभीर सवाल खड़े किए है। जहाँ से जितेंद्र भारद्वाज जी का शव मिला वहाँ से 100 मीटर की दूरी पर जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के एक मुस्लिम व्यक्ति का आधार कार्ड भी मिला है। वहीं पर जितेंद्र जी का भी लाइसेंस मिला है। वहीं शव का एक हिस्सा झाड़ियों के नीचे दबाया हुआ था।
भारद्वाज जी रविवार शाम घर से संघ की मीटिंग में शामिल होने के लिए निकले थे। रात को 7:48 बजे के करीब उनका मोबाइल बंद हो गया। इसके बाद उनका कुछ पता नहीं चला। परिजनों ने नरेला थाने में लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने रात में संभावित स्थानों पर उन्हें खोजा। अगले दिन सुबह रेलवे ट्रैक से कुछ दूरी पर RSS का शव क्षत विक्षत हालत में मिला।
जितेंद्र जी संपन्न परिवार के व्यक्ति थे, शारीरिक रूप से भी मज़बूत थे। उनके परिजनों ने बताया कि, उन्हें किसी तरह का कोई मानसिक अवसाद (डिप्रेशन) नहीं था। परिवार को हत्या का शक है। बात दें कि, जितेंद्र कुमार यूपीएससी के छात्रों को भी पढ़ाते थे। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी और सीडीआर के आधार पर जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार है।