इनपुट- ज्ञानेश लोहानी, लखनऊ
एस०टी०एफ०, उत्तर प्रदेश को स्वयं को मुख्यमंत्री उ०प्र० का सचिव, संयुक्त सचिव व समीक्षा अधिकारी बताकर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने 02 व्यक्तियों को लखनऊ से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।
एस०टी०एफ०, उत्तर प्रदेश को मुख्यमंत्री के सचिव, संयुक्त सचिव, समीक्षा अधिकारी बनकर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले व्यक्तियों के बारे में सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ उ०प्र० की विभिन्न टीमों/ इकाईयों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके क्रम में दीपक कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एस०टी०एफ०, उ०प्र० के पर्यवेक्षण मे अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसचूना तन्त्र को सक्रिय किया गया।
अभिसूचना संकलन के क्रम में टीम लखनऊ में भ्रमणशील थी। इस दौरान ज्ञात हुआ कि मुख्यमंत्री के सचिव, संयुक्त सचिव, समीक्षा अधिकारी बनकर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले 02 व्यक्ति गऊघाट रोड, पीपापुल के पास किसी से मिलने आने वाले है। साथ ही यह भी ज्ञात हुआ कि इसके विरूद्ध थाना ठाकुरगंज, जनपद लखनऊ में मु०अ०स० 476/2024 धारा 316(2), 319(2), 318(4), 338, 336(3) 340(2) 351(3) बीएनएस का अभियोग भी पंजीकृत है। इस सूचना पर एसटीएफ टीम उक्त स्थान पर पहुँच कर दोनों व्यक्तियों को आवश्यक बल प्रयोग कर गिरफ्तार कर लिया गया, जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।
पूछताछ में अभियुक्त प्रदीप दूबे ने बताया कि वह अपने साथी मान सिंह के साथ मिलकर अपने को मुख्यमंत्री का सचिव, संयुक्त सचिव बातकर युवको से उनकी नौकरी लगवाने के नाम पर पैसा लेता है। इसकी कई अधिकारियों से अच्छी जान पहचान का दावा कर इसके आड़ में यह लोगों का काम कराने के नाम पर भी उनसे पैसा लेता है। डा० नरेन्द्र वर्मा से उनकी जमीन खाली कराने के नाम पर रू0 50 लाख लिया था। जिसमें से 25 लाख रूपये मान सिंह को दिया था। साथ ही अन्य कई युवको से उनको नौकरी दिलाने के नाम पर भी काफी पैसा लिया है।