हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष माह का बहुत खास महत्व होता है। मार्गशीर्ष माह, जिसे हिंदी कैलेंडर के अनुसार नवंबर और दिसंबर के बीच मनाया जाता है, 2024 में 15 नवंबर से शुरू हो रहा है। इसे विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण से जोड़कर देखा जाता है, और यह माह विशेष रूप से श्री कृष्ण के प्रति भक्ति और श्रद्धा बढ़ाने का समय माना जाता है।
मार्गशीर्ष मास के बाद पौष माह की शुरुआत हो जाएगी। इस साल मार्गशीर्ष माह के पहले दिन वृश्चिक संक्रांति भी पड़ रही है। इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। बता दें कि मार्गशीर्ष मास 16 2024 नवंबर से शुरू होगा और 15 दिसंबर 2024 तक चलेगा।
मार्गशीर्ष माह का महत्व
मार्गशीर्ष का महीना विशेष रूप से दिव्य आशीर्वाद और पुण्य की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में विशेष रूप से तिथि और व्रतों का ध्यान रखा जाता है। जैसे कि पूर्णिमा के दिन गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है, जिसमें गायों की पूजा और विशेष रूप से कृष्ण भक्ति के अनुष्ठान होते हैं।
धार्मिक दृष्टिकोण से यह माह पवित्र और शुभ होता है। इसे विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और तर्पण करने का महत्व है। मान्यता है कि इस माह में तर्पण और स्नान से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और वह पुण्य को प्राप्त करता है।
भगवान श्री कृष्ण और मार्गशीर्ष का संबंध
मार्गशीर्ष माह भगवान श्री कृष्ण के साथ गहरे रूप से जुड़ा हुआ है। खासतौर पर इस माह में, श्री कृष्ण के भक्त विशेष रूप से ध्यान करते हैं और उनकी पूजा करते हैं। विशेष रूप से यह माह उन भक्तों के लिए लाभकारी माना जाता है जो कृष्ण के प्रति श्रद्धा रखते हैं।
भागवद गीता में भी भगवान श्री कृष्ण ने बताया है कि यह महीना विशेष रूप से भक्तों के लिए अनुकूल होता है, और जो व्यक्ति इस समय विशेष ध्यान और पूजा करते हैं, उनकी इच्छाएँ शीघ्र पूर्ण होती हैं। इसके अलावा, भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पूजा के दौरान भी मार्गशीर्ष माह के महत्व को बताया है, जो कृष्ण के अंश रूप में उनके भक्तों के लिए आशीर्वाद प्रदान करता है।
मार्गशीर्ष माह में पालन करने योग्य नियम
स्नान और तर्पण – विशेष रूप से इस माह में प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना और तर्पण करना चाहिए।
उपवासी व्रत – इस माह में उपवासी व्रत करना और विशेष पूजा अनुष्ठान करना शुभ माना जाता है।
गोपाष्टमी पूजा – इस दिन गायों की पूजा करने और उनका सम्मान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
भगवान श्री कृष्ण की पूजा – इस माह में भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा और ध्यान से जीवन में शांति और समृद्धि आती है।