जस्टिस संजीव खन्ना को 11 नवंबर को देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ दिलाई जाएगी। दिल्ली के निवासी और दिल्ली में ही शिक्षा प्राप्त करने वाले जस्टिस खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था।
उनके पिता, जस्टिस देस राज खन्ना, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रह चुके हैं, जबकि उनकी मां, श्रीमती सरोज खन्ना, दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में हिंदी की लेक्चरर थीं।
शिक्षा और करियर की शुरुआत
जस्टिस संजीव खन्ना ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से की और इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर (CLC) से कानून की पढ़ाई पूरी की। 1983 में उन्होंने दिल्ली बार काउंसिल में वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया। प्रारंभ में तीस हजारी कोर्ट से करियर शुरू करने के बाद उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में संवैधानिक कानून, प्रत्यक्ष कराधान, और मध्यस्थता जैसे क्षेत्रों में गहरी पकड़ बनाई।
कानूनी विशेषज्ञता और करियर की ऊँचाइयाँ
संजीव खन्ना की वाणिज्यिक कानून, कंपनी कानून, पर्यावरण कानून और चिकित्सा लापरवाही कानून पर बेहतरीन पकड़ मानी जाती है। उनके लंबे करियर में उन्होंने आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त लोक अभियोजक के रूप में भी सेवा दी।
दिल्ली हाईकोर्ट में पदोन्नति और जिम्मेदारियाँ
2005 में जस्टिस संजीव खन्ना को दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति मिली, और 2006 में वे स्थायी न्यायाधीश बने। दिल्ली न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष और विभिन्न मध्यस्थता केंद्रों का नेतृत्व करते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाईं।
सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति और अहम योगदान
18 जनवरी 2019 को जस्टिस खन्ना को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष और राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में उन्होंने कई कानूनी पहलुओं पर अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया।
उल्लेखनीय निर्णय और विरासत
जस्टिस खन्ना ने अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं, जिनमें वीवीपैट सत्यापन, चुनावी बांड योजना, अनुच्छेद 370 पर सुनवाई, अनुच्छेद 142 के तहत तलाक का मामला, और आरटीआई संबंधित मामलों पर निर्णय शामिल हैं। 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त होने से पहले वे कई और महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा रह सकते हैं।