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Kartik Purnima 2024: आज है कार्तिक पूर्णिमा... इस शुभ मुहूर्त पर करें यह जरूरी उपाय, मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न, करेंगी धन की वर्षा

आज कार्तिक पूर्णिमा है और आज गुरु नानक जयंती भी है। पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व बताया गया है।

Rashmi Singh
  • Nov 15 2024 9:22AM

हिंदू धर्म में पूर्णिमा का बहुत ही विशेष महत्व होता है और कार्तिक पूर्णिमा को सबसे शुभ माना जाता है क्योंकि इस दिन गंगा स्नान भी किया जाता है और इस दिन गुरु नानक जयंती भी होती है। पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर यानी आज है। 

पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व होता है। इस दिन सत्यनारायण की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था, इसलिए इस तिथि को त्रिपुरा तिथि के नाम से भी जाना जाता है।

कार्तिक पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त

कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि 15 नवंबर यानी आज सुबह 6.19 बजे शुरू हुई और पूर्णिमा तिथि 16 नवंबर यानी कल सुबह 2.58 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार आज ही कार्तिक मास मनाया जा रहा है। 

स्नान और दान का शुभ समय सुबह 4.58 बजे से 5.51 बजे तक है। इसके अलावा आज आप अभिजीत मुहूर्त में स्नान और दान भी कर सकते हैं। जिसका समय सुबह 11:44 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक रहेगा। 

कार्तिक पूर्णिमा 2024 शुभ योग 

आज कार्तिक पूर्णिमा पर गजकेसरी योग और बुधादित्य राजयोग बनने जा रहा है। साथ ही शश राजयोग भी बनेगा। ये सभी बेहद खास माने जाते हैं। 

कार्तिक पूर्णिमा पूजन विधि

पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लें और किसी पवित्र नदी, सरोवर या तालाब में स्नान करें। इस दिन चंद्रोदय पर शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसुइया और क्षमा इन छह कृतिकाओं का पूजन करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा की रात्रि को व्रत करने तथा बैल का दान करने से शिव पद की प्राप्ति होती है। गाय, हाथी, घोड़ा, रथ और घी आदि का दान करने से धन में वृद्धि होती है। इस भेड़ का दान करने से ग्रहयोग के कष्ट नष्ट हो जाते हैं। 

कार्तिक पूर्णिमा से प्रारम्भ करके प्रत्येक पूर्णिमा को व्रत तथा रात्रि जागरण करने से सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखने वाले व्यक्ति को जरूरतमंदों को भोजन और हवन अवश्य कराना चाहिए। इस दिन यमुना पर कार्तिक स्नान करके राधा-कृष्ण की पूजा करनी चाहिए और दीपदान करना चाहिए। 

कार्तिक पूर्णिमा की पौराणिक कथा

प्राचीन काल में एक समय राक्षस त्रिपुर ने एक लाख वर्ष तक प्रयागराज में घोर तपस्या की। उनकी तपस्या के प्रभाव से सभी जड़, जीव-जन्तु और देवता भयभीत हो गये। देवताओं ने तपस्या भंग करने के लिए अप्सराओं को भेजा लेकिन वे सफल नहीं हो सकीं। राक्षस त्रिपुर की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ब्रह्मा स्वयं उसके सामने प्रकट हुए और वरदान माँगा।  त्रिपुर ने वरदान मांगा कि 'मैं न देवताओं के हाथों मरूं, न मनुष्यों के हाथों मरूं।' इसी वरदान के बल पर त्रिपुर निर्भय होकर अत्याचार करने लगा। इतना ही नहीं, उन्होंने कैलाश पर्वत पर भी चढ़ाई की। इसके बाद भगवान शंकर और त्रिपुर के बीच युद्ध हुआ। अंत में, भगवान शिव ने भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु की मदद से त्रिपुर को नष्ट कर दिया।

 कार्तिक पूर्णिमा उपाय

1. कार्तिक पूर्णिमा के दिन आम के पत्तों की माला बनाकर मुख्य द्वार पर लगाने से घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है। ऐसा करने से घर की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। 

 2. इस दिन भगवान विष्णु नदियों में निवास करते हैं, जहां स्नान करने से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और महान पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करना भी शुभ माना जाता है।

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