विनायक चतुर्थी, भगवान गणेश का विशेष पर्व है जो हर साल हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। कार्तिक मास में विनायक चतुर्थी का उत्सव आज यानी मंगलवार को मनाया जा रहा है। इस दिन विशेष रूप से गणेश जी की पूजा अर्चना करने से भक्तों के जीवन से सभी विघ्न दूर हो जाते हैं और उन्हें सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। इस दिन का व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है जो किसी कठिनाई या समस्याओं से जूझ रहे होते हैं। तो जरूर पढ़ें भगवान गणेश की व्रत कथा।
व्रत कथा
विनायक चतुर्थी की पूजा की शुरुआत एक प्राचीन व्रत कथा से होती है, जो भगवान गणेश के जन्म और उनके विशेष गुणों से संबंधित है। यह कथा भगवान गणेश की महिमा और उनके द्वारा भक्तों के जीवन से संकटों को दूर करने की शक्ति को प्रकट करती है।
कथा के अनुसार, एक समय की बात है, एक ब्राह्मण परिवार में एक कन्या जन्मी थी, जो बहुत ही सुंदर और विदुषी थी, लेकिन दुर्भाग्यवश वह हमेशा किसी न किसी समस्या से जूझती रहती थी। उसने अपनी समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए एक दिन भगवान गणेश की पूजा करने का संकल्प लिया।
उस कन्या ने चतुर्थी के दिन विधिपूर्वक गणेश जी की पूजा की और व्रत के दौरान उनके चरणों में आशीर्वाद की याचना की। भगवान गणेश ने अपनी कृपा से कन्या के जीवन के सारे विघ्न दूर कर दिए। न केवल उसकी व्यक्तिगत समस्याएँ हल हुईं, बल्कि उसका घर भी खुशियों से भर गया। इस प्रकार, इस कथा से यह शिक्षा मिलती है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा से सारे संकट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति का वास होता है।