भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने 5 नवंबर यानी आज नई दिल्ली में 26वीं राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिकता योजना (NOSDCP) बैठक आयोजित की। इसका उद्देश्य भारतीय जलक्षेत्र में तेल रिसाव आपदाओं का सामना करने की तैयारी की समीक्षा करना था।
इस बैठक की अध्यक्षता भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि ने की, जो NOSDCP के अध्यक्ष भी हैं।
अपने संबोधन में महानिदेशक शिवमणि ने क्षेत्रीय खतरों, विशेषकर समुद्री तेल और रासायनिक रिसाव से निपटने के प्रति भारतीय तटरक्षक बल की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने हितधारकों के बीच सहयोग बढ़ाने, साझेदारी को मजबूत करने, समन्वय में सुधार लाने और उभरती तकनीकों में सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
भारत की अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने के कारण शिपिंग के माध्यम से तेल आयात की मात्रा में वृद्धि हो रही है। इसके साथ ही, रसायनों और अन्य खतरनाक पदार्थों का आवागमन भी भारत के समुद्री क्षेत्रों, विस्तृत तटीय रेखाओं, तटीय जनसंख्या, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यटन उद्योगों के लिए चुनौती प्रस्तुत करता है।
केंद्रीय समन्वय एजेंसी, तटीय राज्य, बंदरगाह और अन्य हितधारकों के बीच सशक्त तैयारी सुनिश्चित करना समुद्री पर्यावरण को संभावित तेल रिसाव से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है।