गौसेवक लंबे समय से छत्तीसगढ़ की सड़कों पर दुर्घटनाओं में घायल होने और असामयिक मौत मरने वाली गायों को आश्रय देने के लिए गौ अभयारण की मांग कर रहे थे। अब इस संबंध में राज्य सरकार की घोषणा के बाद गौसेवकों द्वारा पदयात्रा निकाली जा रही है।
आपको बता दें कि, साल 2023 में बिलासपुर के प्रसिद्ध गौसेवक विपुल शर्मा ने बिलासपुर से दिल्ली तक पदयात्रा की थी। जिसमें 7 प्रमुख मांगें थीं, जिनमें से एक थी कि हर जिले में एक गायों अभयारण होना चाहिए। अब छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से गौ अभ्यारण योजना की घोषणा पर आभार जताने के लिए पदयात्रा निकाली गई है। विपुल शर्मा इस पदयात्रा के माध्यम से गौ माता की अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे।
क्या है ज्ञापन के बिंदु?
प्रदेश में गौ अभ्यारण का स्वरूप क्या होगा? साथ ही हर गांव में गौ अभ्यारण कैसे बनेगा? गौ तस्करी मुक्त राज्य कैसे बने? बंद पड़ी गौठान योजना कैसे संचालित होगी?
सड़क पर कैसे कम होंगे हादसे? कैसे काम करेगा पशु चिकित्सालय? कैसे रुकेगी गौ तस्करी? इन सब पर राज्य सरकार से सात प्रमुख मांगों को लेकर बिलासपुर से रायपुर तक पदयात्रा निकाली जा रही है।
साथ ही यह भी मांग की जाएगी कि छत्तीसगढ़ राज्य में कोसली नस्ल की गाय का नाम माता कोशल्या के नाम पर रखा गया था। गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिया जाए। साथ ही एक प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा जाए कि गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिया जाए।
इसके अलावा बिलासपुर गौ सेवा धाम को गौ सेवा के लिए 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाए। जिसमें जिला पशु चिकित्सालय अथवा बिलासपुर शहरी गौठान को सेवा हेतु अथवा राज्य शासन द्वारा लीज पर समिति को आबंटित किया जाए।
बंद पड़े गौठान में मेरा गांव, मेरा अभ्यारण योजना लागू की जाए, जिसमें नन्दी शाला खोली जाए। छत्तीसगढ़ को गौ तस्करी मुक्त बनाने के लिए गौ टैक्स फोर्स का गठन किया जाए जिसमें हर जिले से 5 गौ सेवक, 5 सामाजिक कार्यकर्ता, 2 आरक्षक और उपनिरीक्षक को जोड़ा जाए।
यह पदयात्रा 8 सितंबर को बिलासपुर गौ सेवा धाम से प्रारंभ होकर रायपुर भारत माता चौक के लिए रवाना हुई।