बिहार में लगातार पुल-पुलियों के गिरने की घटनाएं हो रही हैं. वहीं अब पुल-पुलियों के क्षतिग्रस्त होने की घटनाओं के बाद अब नीतीश सरकार सजग हो गई है. बता दें कि ग्रामीण कार्य विभाग पुलों के रखरखाव के लिए पथ निर्माण विभाग की तरह मेंटेनेंस पॉलिसी बनाएगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पथों एवं पुलों के रखरखाव को लेकर समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए बड़ी संख्या में पथों एवं पुलों का निर्माण कराया गया है. हम लोगों का उद्देश्य सिर्फ बेहतर सड़क और पुलों का निर्माण करना ही नहीं है, बल्कि उसका बेहतर रखरखाव करना भी है. हम लोगों ने निर्णय लिया था कि पुलों के रखरखाव के लिए मेंटेनेंस पॉलिसी बनाई जाए.
जिलों में गिर रहे पुल-पुलियों पर ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने आरजेडी पर हमला बोला. अशोक चौधरी ने कहा कि ये विभाग पहले (महागठबंधन की सरकार में) आरजेडी के पास था. तेजस्वी यादव इसके मंत्री थे.
अशोक चौधरी ने कहा कि जब से जेडीयू के पास यह विभाग आया है तो उसके बाद चुनाव था. अभी 20 दिन का समय मिला है तो आप बताएं कि कौन इसका जिम्मेदार है? जिम्मेदारी 20 दिन वाली पार्टी है या डेढ़ साल से जिसके पास है वो इसके लिए जिम्मेदारी है? कहा कि किशनगंज में जो पुल गिरा उसे आरजेडी के सांसद रहे स्व. मोहम्मद तस्लीमुद्दीन ने बनवाया था.
बिहार में लगातार गिर रहे पुल को लेकर बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि पुलों के मेंटेनेंस के लिए पॉलिसी लाई जा रही है. बिहार में जितने भी पुल हैं अलग-अलग विभाग के उन सभी पुलों को लेकर मेंटेनेंस पॉलिसी लाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है. नए और पुराने पुल की स्थिति क्या है, मेंटेनेंस की स्थिति क्या है, इन सभी मामलों को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया है.
अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री सेतु योजना 2016 में बंद हो गई थी. इसको एक बार फिर से शुरू करने की योजना बनाई जा रही है. कई जगहों पर नदी का रूट बदल गया जिसकी वजह से कई जगहों से ऐसी घटनाएं सामने आई हैं.
उन्होंने कहा कि कई जगहों पर शटरिंग गिरने की वजह से इस तरह की घटनाएं हुई हैं. ठेकेदार पर एफआईआर का प्रावधान नहीं है, लेकिन अगर इस तरह की घटना होगी तो सरकारी धन के दुरुपयोग का निश्चित रूप से हम प्राथमिकी दर्ज कराएंगे.