जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने एक बार बड़ा दावा किया. मौलाना मदनी ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे मुसलमानों खासतौर की सूझबूझ के साथ की गई मतदान के कारण संभव हुए है.
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि चुनाव के परिणामों ने अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों की सूझबूझ के साथ की गई वोटिंग के कारण संभव हुआ. उन्होंने आगे कहा कि इसे स्वीकार किया जाना चाहिए कि अगर मतदाताओं ने सूझबोझ से वोटिंग न की होती तो शायद परिणाम किसी हद तक उसके विपरीत होते. मौलाना मदनी ने कहा कि मुसलमानों ने 2024 के लोकसभा चुनाव में BJP से अपना बदला ले लिया है.
उन्होंने आगे कहा कि देश के अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों ने संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को वोट दिया, इसलिए अब यह उन पार्टियों विशेषकर कांग्रेस का यह नैतिक कर्तव्य है कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करने के साथ-साथ वो मतदाताओं विशेषकर मुसलमानों के अधिकारों की लड़ाई के लिए भी आगे आएं, ताकि उन उत्पीड़ितों का जो भरोसा इन दलों पर पुनः बहाल हुआ है, वो बाकी रह सके.
मौलाना अरशद मदनी ने यह भी कहा कि हालिया संसदीय चुनाव के दौरान गठबंधन के लोग विशेष रूप से राहुल गांधी और अखिलेश यादव अपनी धर्मनिरपेक्षता की विचारधारा पर मजबूती के साथ खड़े रहे और यही कारण है कि धर्मनिरपेक्ष विचारों वाले मतदाताओं ने उन पर विश्वास किया और खुल कर उनका समर्थन किया.