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Guru Gobind Singh Jayanti 2025: बलिदान और धर्म रक्षा के प्रतीक गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व आज, राष्ट्रपति और PM मोदी ने दी बधाई

Guru Purab: सन् 1666 में पटना साहिब में जन्मे गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षा एकता और शांति का संदेश देती हैं।

Ravi Rohan
  • Jan 6 2025 1:39PM

आज यानी 6 जनवरी को देशभर में दशमेश गुरु श्री गोबिंद सिंह जी की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है। यह पर्व सिख पंथ के दसवें गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाओं और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को विशेष रूप से उनके बलिदान, समर्पण और वीरता की याद में समर्पित किया जाता है। आज हम आपको इस महत्वपूर्ण अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन और उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं के बारे में जानेंगे।

गुरु गोबिंद सिंह महाराज का जीवन परिचय

गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को बिहार के पटना साहिब में हुआ था। उनके जीवन का सबसे बड़ा योगदान 1699 में बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना था, जिसे सिख की प्रमुख धारा माना जाता है। गुरु गोबिंद सिंह ने सिख समुदाय को अनुशासन और एकता की दिशा में मार्गदर्शन करते हुए पांच "ककार" (केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा) को अपनाने का आदेश दिया था। इसके साथ ही उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने चार साहिबजादों- अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह को बलिदान किया था।

गुरु गोबिंद सिंह जयंती के उत्सव की विशेषताएँ

गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होते हैं, जिनमें विशेष रूप से भक्तों का उत्साह देखने को मिलता है। 
1. प्रभात फेरी: दिन की शुरुआत में भक्त समूहों में 'वाहेगुरु' का जाप करते हुए नगर कीर्तन निकालते हैं और शबद-कीर्तन करते हुए मार्गों पर चलते हैं।
2. अखंड पाठ: इस दिन गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ किया जाता है, जो लगातार 48 घंटों तक चलता है और गुरुद्वारों में श्रद्धालु इस समय का लाभ उठाते हैं।
3. लंगर: गुरुद्वारों में इस दिन सामूहिक भोजन का आयोजन होता है, जहां समाज के हर वर्ग के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं, जिससे भाईचारे और समानता का संदेश मिलता है।
4. शबद कीर्तन: गुरुद्वारों में गुरु के उपदेशों और भक्ति पर आधारित शबद गाए जाते हैं।
गुरु गोबिंद सिंह जयंती एक ऐसा अवसर है, जब हम उनके द्वारा दी गई महान शिक्षाओं और उनके बलिदान को याद करते हुए समाज में प्रेम, शांति और एकता की भावना को बढ़ावा देते हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को गुरु गोबिंद सिंह के 'प्रकाश पर्व' के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि गुरु गोबिंद सिंह की शिक्षाएं सभी को धर्म, शांति और सौहार्द की ओर प्रेरित करेंगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर राष्ट्रपति ने लिखा, "गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व के पावन अवसर पर सभी को शुभकामनाएँ! मानवता की भलाई के प्रति उनकी निस्वार्थ भक्ति हमें प्रेरित करती रहती है। गुरु गोबिंद सिंह जी ने हमेशा समानता और न्याय की वकालत की। उनकी कालजयी शिक्षाएँ हमें धार्मिकता, शांति और सद्भाव के मार्ग की ओर मार्गदर्शन करें।"

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि

गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के मौके पर PM नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया X पर एक पोस्ट साझा करते हुए गुरु गोबिंद सिंह की शिक्षाओं का उल्लेख किया। उन्होंने लिखा, "'मैं श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को उनके प्रकाशोत्सव पर नमन करता हूं। उनके विचार हमें एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए प्रेरित करते हैं जो प्रगतिशील, समृद्ध और दयालु हों। गुरु गोबिंद सिंह का जन्म पटना में आज ही के दिन हुआ था। उनकी जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है।"

सीएम योगी आदित्यनाथ का श्रद्धांजलि संदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा, "महान संत, सिखों के दशम गुरु एवं खालसा पंथ के संस्थापक गुरु श्री गोबिन्द सिंह जी महाराज के पावन प्रकाश पर्व पर उन्हें कोटि-कोटि नमन! धर्म और मानवता की रक्षा के लिए समर्पित उनका पराक्रमी जीवन हम सभी को सत्य, सेवा और त्याग के मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान करता है।"

गुरु गोबिंद सिंह की जयंती हर साल 'प्रकाश पर्व' के रूप में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है, जिसमें उनके अद्वितीय योगदान और उनके जीवन से प्रेरणा ली जाती है।

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