मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इन दिनों मंदिरों में एक अनोखी पहल देखने को मिल रही है। दरअसल, हिंदू संगठनों द्वारा मंदिर परिसरों में विशेष पाठशालाएं चलाई जा रही हैं, जिनका उद्देश्य हिंदू समाज, खासकर युवाओं और बच्चों को सनातन धर्म के प्रति जागरूक करना और तथाकथित "लव जिहाद" व "लैंड जिहाद" जैसे मुद्दों से सावधान करना है। यह अभियान मुख्यतः संस्कृति बचाओ मंच समिति द्वारा संचालित किया जा रहा है।
इन पाठशालाओं का आयोजन खासकर एकादशी के दिन मंदिर में की जाती है, जहां बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल होते हैं। यहां बच्चों को धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों और सांस्कृतिक मूल्यों के बारे में बताया जाता है। पाठशाला में विशेष रूप से यह समझाया जा रहा है कि "लव जिहाद" जैसी घटनाओं से कैसे सतर्क रहा जाए और "लैंड जिहाद" के नाम पर भूमि पर हो रहे कथित कब्जों को कैसे रोका जाए।
संस्था का कहना है कि इसके तहत बच्चों को रामायण, महाभारत, भगवद गीता जैसे ग्रंथों की कहानियां और उनसे मिलने वाले नैतिक संदेश सिखाए जा रहे हैं। साथ ही उन्हें बताया जा रहा है कि कैसे अपने धर्म और संस्कृति से जुड़कर जीवन में सही दिशा अपनाई जा सकती है।
पाठशाला के आयोजक मानते हैं कि वर्तमान समय में युवाओं में अपने मूल धर्म और परंपराओं से दूर होने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। ऐसे में मंदिरों से शुरू की गई यह पहल एक सामाजिक जागरूकता अभियान के रूप में कार्य कर रही है, जो आने वाली पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का प्रयास कर रही है।
भोपाल के कई प्रमुख मंदिरों में यह पाठशाला नियमित रूप से आयोजित की जा रही है और आयोजकों का दावा है कि इसे लोगों का अच्छा समर्थन मिल रहा है। संस्कृति बचाओ मंच का लक्ष्य है कि यह अभियान प्रदेश के अन्य जिलों में भी फैलाया जाए ताकि सनातन धर्म की चेतना को मजबूत किया जा सके।