भारत और उज्बेकिस्तान की सेनाओं के बीच छठवां संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘दुस्तलिक-VI’ आज पुणे के औंध स्थित फॉरेन ट्रेनिंग नोड में आरंभ हो गया। यह अभ्यास 16 अप्रैल से 28 अप्रैल 2025 तक आयोजित किया जाएगा।
भारत की ओर से JAT रेजिमेंट और वायुसेना की भागीदारी
भारतीय दल में 60 जवान शामिल हैं, जिनमें मुख्य रूप से JAT रेजिमेंट और भारतीय वायुसेना के सदस्य हैं। वहीं, उज्बेकिस्तान की सेना के जवान भी इस अभ्यास में भाग ले रहे हैं। यह वार्षिक अभ्यास भारत और उज्बेकिस्तान में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। पिछली बार यह अभ्यास अप्रैल 2024 में उज्बेकिस्तान के टरमेज़ ज़िले में हुआ था।
सेमी-अर्बन परिदृश्य में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर आधारित थीम
इस बार की रणनीतिक थीम 'सेमी-अर्बन इलाके में संयुक्त उप-पारंपरिक अभियानों' पर आधारित है। इसमें आतंकवादी हमले के दौरान किसी सीमित क्षेत्र को कब्जे से मुक्त कराना, संयुक्त संचालन केंद्र की स्थापना, जनसंख्या नियंत्रण उपाय, तलाशी एवं लक्ष्य भेदन अभियान जैसे अभ्यास शामिल होंगे।
आधुनिक तकनीक का प्रदर्शन: ड्रोन, हेलिकॉप्टर और स्पेशल फोर्सेस की भागीदारी
इस अभ्यास में सेना और वायुसेना की स्पेशल फोर्सेस मिलकर हेलिपैड को ऑपरेशनल बेस के रूप में सुरक्षित करेंगी। इसके अलावा ड्रोन तकनीक, एंटी-यूएएस उपाय, लॉजिस्टिक सपोर्ट और छोटे दलों की तैनाती व निकासी जैसे मिशन भी अभ्यास का हिस्सा हैं। वायुसेना के हेलिकॉप्टर निगरानी, विशेष हेलीबोर्न ऑपरेशन (SHBO) और अन्य मिशनों में अहम भूमिका निभाएंगे।
आपसी समझ और रक्षा संबंधों को मिलेगा नया आयाम
‘दुस्तलिक-VI’ दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे की रणनीतियों, तकनीकों और कार्यप्रणालियों से सीखने का अवसर प्रदान करेगा। यह अभ्यास न केवल सैन्य सहयोग को मजबूत करेगा, बल्कि भारत और उज्बेकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों को भी नई ऊंचाई देगा।