भारतीय सेना की स्पीयर कोर ने अरुणाचल प्रदेश के अग्रिम क्षेत्रों में एक सफल अभ्यास आयोजित कर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसका उद्देश्य संचालनात्मक तत्परता सुनिश्चित करना है। इस अभ्यास में नई पीढ़ी के उपकरणों (New Generation Equipment - NGE) और नए पीढ़ी के हथियारों (New Generation Weapons - NGW) का निर्बाध एकीकरण प्रदर्शित किया गया, जिससे ‘प्रौद्योगिकी आत्मसात करने का वर्ष और रूपांतरण का वर्ष’ की भावना के तहत तेज़ी से बदलाव की दिशा में सेना के फोकस को मजबूती मिली है।
यह फील्ड अभ्यास कठिन और पहाड़ी इलाकों में आयोजित किया गया, ताकि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में प्रभावी ढंग से काम किया जा सके। इसका मुख्य फोकस था – बेहतर गतिशीलता, रीयल-टाइम इंटेलिजेंस, निगरानी और टोही (ISR), और उन्नत संचार प्रणालियाँ। ये सभी तत्व एक तेज़, मौन और स्मार्ट सामरिक बल तैयार करने के लिए अहम हैं, जो तकनीक-प्रेरित युद्धक्षेत्रों में निर्णायक प्रतिक्रिया देने में सक्षम हो।
इस अभ्यास में अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म और आधुनिक युद्ध प्रणालियों का उपयोग कर तेज़ निर्णय-निर्माण, सूचनाओं का निर्बाध आदान-प्रदान, और समन्वित युद्धक्षेत्र की जागरूकता पर ज़ोर दिया गया। इन क्षमताओं ने सैनिकों की संचालनात्मक फुर्ती को काफी हद तक बढ़ाया, और भारतीय सेना की तकनीकी प्रगति व युद्धक्षेत्र नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को फिर से स्थापित किया।
यह अभ्यास आधुनिक युद्ध की बदलती चुनौतियों का सामना करने के लिए सेना की तत्परता का प्रमाण है। भारतीय सेना नवाचार के ज़रिए रूपांतरण की दिशा में अग्रसर है, जिसमें संयुक्तता, अनुकूलनशीलता और युद्ध क्षमता को बढ़ाने पर विशेष ज़ोर दिया जा रहा है।