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20 जून : आज 137 साल का हो गया मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस

साल के 12 महीने, 52 हफ्ते और 365 दिन किसी न किसी अच्छी या बुरी घटना के साथ इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं और 20 जून भी इसका अपवाद नहीं है.

Sumant Kashyap
  • Jun 20 2024 8:42AM

साल के 12 महीने, 52 हफ्ते और 365 दिन किसी न किसी अच्छी या बुरी घटना के साथ इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं और 20 जून भी इसका अपवाद नहीं है. 20 जून भी भारत और दुनिया में कई घटनाओं की गवाह है. दरअसल, 1877 में 20 जून के ही दिन मुंबई स्थित विक्टोरिया टर्मिनस को लोगों के लिए खोला गया था. विक्टोरियन गोथिक शैली और परंपरागत भारतीय स्थापत्य कला की झलक देते इस स्टेशन को 2004 में युनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया. 

बता दें कि समुद्र किनारे बसा होने की वजह से मुंबई ब्रिटिशर्स के लिए प्रमुख व्यापारिक केंद्र था. रोजाना हजारों लोगों का आना-जाना और माल का आयात-निर्यात होता था. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से पहले यहां बोरी बंदर रेलवे स्टेशन था. इसी बोरी बंदर रेलवे स्टेशन से ठाणे के लिए भारत की पहली ट्रेन चली थी.

दरअसल, जब बोरी बंदर रेलवे स्टेशन पर जगह कम पड़ने लगी तो ब्रिटिशर्स ने एक बड़ा स्टेशन बनाने का फैसला लिया. बता दें कि ब्रिटिश सरकार ने स्टेशन के निर्माण के लिए 16 लाख रुपये की राशि जारी की और स्टेशन की डिजाइनिंग की जिम्मेदारी फ्रेडरिक विलियम स्टीवंस को सौंप. वहीं, साल 1878 में स्टेशन बनाने का काम शुरू हुआ. स्टीवंस ने लक्ष्य रखा कि 1887 तक स्टेशन का काम पूरा हो जाए क्योंकि इसी साल ब्रिटेन की क्वीन विक्टोरिया को रानी बने हुए 50 साल पूरे हो रहे थे.

बता दें कि इस बिल्डिंग में भारत, ब्रिटेन और इटली तीनों देशों की स्थापत्य कला नजर आती है. मेन बिल्डिंग को बनाने में बलुआ और चूना पत्थर का इस्तेमाल किया गया है. खूबसूरत के लिए इटैलियन मार्बल और भारतीय ब्लू स्टोन लगाए गए हैं. स्टेशन के सेंट्रल हॉल में एक सितारे के आकार की डिजाइन बनाई गई है, इसीलिए इस हॉल को स्टार चैंबर कहा जाता है. वहीं, यहीं पर मुख्य टिकट घर है. विक्टोरियन गोथिक स्टाइल में बनी इस बिल्डिंग के बीचों-बीच महारानी विक्टोरिया की प्रतिमा भी लगाई गई थी, लेकिन जब भारत आजाद हुआ तो उस प्रतिमा को हटा दिया गया.

जानकारी के लिए बता दें कि ब्रिटेन की महारानी के नाम पर स्टेशन का नाम विक्टोरिया टर्मिनस रखा गया लेकिन साल 1996 में तत्कालीन रेलमंत्री सुरेश कलमाड़ी ने स्टेशन का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस कर दिया. हालांकि लघु रूप में यह आज भी वीटी के नाम से मशहूर है. बता दें कि दो जुलाई, 2004 को इस स्टेशन को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया. 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले में आतंकियों ने इस स्टेशन को भी निशाना बनाया था. यहां फायरिंग में 50 से भी ज्यादा लोग मारे गए थे.

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