झाँसी का महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज। शुक्रवार देर रात अस्पताल के शिशु वार्ड में शॉर्ट सर्किट से भीषण आग लग गई। हादसे में 10 बच्चों की मौत हो गई है। वहीं 37 बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया है। आग लगने से अस्पताल में भगदड़ मच गई। इस हादसे में कई परिवारों ने अपने मासूम बच्चों को खो दिया।
10 बच्चों की मौत, 16 घायल
कल रात, झाँसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में भीषण आग लगने से कम से कम 10 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। माना जा रहा है कि यह हादसा शॉर्ट सर्किट की वजह से हुआ है। आग लगने से अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। परिजन और मरीज जान बचाने के लिए भागने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने 37 बच्चों को सुरक्षित बचा लिया. हादसे के वक्त एनआईसीयू में कुल 54 बच्चे भर्ती थे।
CM योगी ने जताया हादसे पर दुख
इस दर्दनाक हादसे के बाद पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है और पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता का ऐलान किया गया है। सीएम योगी ने कहा कि, 'जनपद झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के NICU में घटित एक दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है। जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को सद्गति एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें। वहीं, CMO के तरफ से सुचना जारी की गई है। इस सुचना में कहा गया है कि, मुख्यमंत्री के निर्देश पर झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड घटना में मरने वाले नवजात शिशुओं के माता-पिता को 5-5 लाख रुपए तथा घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपए की सहायता सीएम के राहत कोष से प्रदान की जा रही है।
घटना की जानकारी मिलते ही डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और प्रमुख स्वास्थ्य सचिव झांसी पहुंचे। जहां उन्होंने घटना स्थल का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात की और दुख की घड़ी में उन्हें सांत्वना दी। वहीं, सीएम योगी ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. इस संबंध में झांसी मंडलायुक्त और डीआइजी को 12 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
कैसे लगी आग?
शुरुआती जांच में हादसे का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है. एसएसपी ने कहा, 'इस घटना के पीछे किन परिस्थितियों या लापरवाही के कारण आग लगी, इसकी विस्तृत जांच की जा रही है।' उन्होंने यह भी बताया कि हादसे के बाद कुछ माता-पिता अपने बच्चों को घर ले गए. एनआईसीयू में भर्ती बच्चों की स्थिति की जांच की जा रही है। मेडिकल कॉलेज ने बताया कि हादसे के वक्त एनआईसीयू में 52 से 54 बच्चे भर्ती थे, जिनमें से 10 की मौत हो गई और 16 का इलाज चल रहा है।