हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में विवादित मस्जिद को लेकर चर्चाएं तेज हैं। सोमवार दोपहर से मस्जिद कमेटी ने अवैध हिस्से को गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। काम शुरू करते हुए मजदूरों ने छत से टीन शेड हटाना शुरू कर दिया है। कमेटी का कहना है कि वित्तीय समस्याओं के चलते काम पूरा करने में समय लग सकता है।
संजौली मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने की अनुमति वक्फ बोर्ड से मिली थी। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने बताया कि इजाजत मिलने के बाद तोड़ने का कार्य शुरू किया गया है। संजौली में मस्जिद के निर्माण के खिलाफ स्थानीय लोगों ने काफी विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें पुलिस पर पथराव और लाठीचार्ज की घटनाएँ भी शामिल थीं।
यह मस्जिद विवाद न केवल मीडिया की हेडलाइंस बना बल्कि राजनीतिक हलकों में भी गूंजने लगा। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में एक मंत्री के बयान पर राष्ट्रीय नेताओं की भी प्रतिक्रियाएँ आईं। स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों ने मस्जिद के ढांचे को अवैध करार देते हुए उसे गिराने की मांग की। इस संदर्भ में 11 सितंबर को हिंदू संगठनों के द्वारा विशाल प्रदर्शन भी आयोजित किया गया।
इसके बाद, 12 सितंबर को मस्जिद कमेटी ने नगर निगम शिमला के आयुक्त से अवैध ढांचे को गिराने की अनुमति मांगी। प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के बाद प्रदेश सरकार के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन हुए, और कई स्थानों पर लोग अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ सड़कों पर उतरे। फिलहाल, मस्जिद के आस-पास किसी को जाने की अनुमति नहीं है, केवल स्थानीय निवासी ही वहां प्रवेश कर सकते हैं।