इनपुट- रजत के. मिश्र, लखनऊ, twitter- rajatkmishra1
बाढ़ को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पहले से ही की गई तैयारियों ने जनता को बड़े नुकसान से बचा लिया हे। प्रदेश में मानसून से पहले अतिसंवेदनशील और संवेदनशील क्षेत्रों में की गई तैयारियां का नतीजा है कि हजारों लोगों की जान बचाने में सरकार को सफलता मिली है। पिछले दस दिनों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में करीब 12 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है।
मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता का ही असर रहा कि अफसर भी ग्राउंड जीरो पर दिखाई दिये, वहीं मुख्यमंत्री खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर वास्तुस्थिति से अवगत होते रहे। एक तरफ जहां उन्होंने हवाई सर्वे के माध्यम से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का मुआयना किया तो वहीं नाव से भी प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया। सीएम ने बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री किट वितरित की और आपदा पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना भी दी। आपदा के दौरान अपनों को खोने वालों के परिजनों को सीएम ने सहायता धनराशि का चेक प्रदान किया। श्रावस्ती के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में 11 लोगों का रेस्क्यू करने वाले 7 लोगों को सीएम ने प्रशस्ति पत्र सौंपा व एक लाख रुपए का नगद पुरस्कार देने की घोषणा की।
जून में ही पूरी हो गई थीं तैयारियां-
योगी सरकार ने प्रदेश में मानसून के दस्तक देने से पहले ही बाढ़ की तैयारियां शुरू कर दी थीं। सीएम योगी के निर्देश पर बाढ़ की दृष्टि से अतिसंवेदनशील 24 और संवेदनशील 16 जिलों में आपदा की स्थिति बनने से पहले ही सारी तैयारियां मुकम्मल कर ली गयीं थी। इसको लेकर सीएम योगी ने जून के दूसरे सप्ताह से ही अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर शुरू कर दिया था। इस दौरान सीएम ने राहत कार्यों से जुड़े अधिकारियों को शासनस्तर से लेकर फील्ड में तैनात अधिकारियों को पूरी ताकत से काम करने के निर्देश दिये थे। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ मीटिंग कर राहत कार्यों की समीक्षा की।
लगातार की जा रही निगरानी-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप अधिकारियों ने फील्ड में उतरकर राहत कार्यों को अंजाम दिया। राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार निगरानी की जा रही है। इसी के तहत श्रावस्ती में नेपाल में अचानक पानी छोड़े जाने से खेत में काम कर रहे 11 श्रमिकों को देररात रेस्क्यू ऑपरेशन चला करीब 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सभी को सुरक्षित बचाया गया। इसी तरह पीलीभीत में टापू पर फंसे 7 लोगों को एयरफोर्स से समन्वय बनाकर एयरलिफ्ट कर सुरक्षित बचाया गया।
इसके अलावा कुशीनगर में बाढ़ में फंसे 76 लोगों को रेस्क्यू कर बचाया गया। राहत आयुक्त ने बताया कि पिछले दस दिनों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 11962 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। इसके साथ ही 21,239 से अधिक मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 804 बाढ़ शरणालय स्थापित किए गए हैं, जिसमें कुल 1,365 लोग रह रहे हैं। वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 1178 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं, जिसके जरिये लगातार स्थिति की निगरानी की जा रही है।