महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी हार के बाद इंडी गठबंधन के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है। गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस पर सहयोगी दलों का तीखा रुख जारी है। ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के बाद अब उद्धव ठाकरे की पार्टी ने भी कांग्रेस की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं।
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने गठबंधन की कमजोर स्थिति पर बोलते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में साथ आकर गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन, उसके बाद कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रही। राउत ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के बाद से कोई बैठक नहीं हुई, जिससे यह स्थिति पैदा हुई।
गठबंधन टूटने का खतरा
संजय राउत ने कहा कि इंडी गठबंधन का भविष्य अनिश्चित है। कई नेता, जैसे उमर अब्दुल्ला, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल, गठबंधन के अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह गठबंधन बिखरता है, तो इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
संवादहीनता बनी बड़ी समस्या
राउत ने कहा कि गठबंधन में समन्वय और संवाद की कमी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि लोगों के मन में गठबंधन के प्रति अविश्वास बढ़ता है, तो यह गंभीर समस्या बन सकती है। उनका मानना है कि एक बार यह गठबंधन टूट गया तो इसे फिर से खड़ा करना असंभव होगा।
इंडी गठबंधन के भीतर संवादहीनता और आपसी असहमति ने इसे संकट के कगार पर ला खड़ा किया है। सहयोगी दलों का कांग्रेस पर भरोसा कम होता जा रहा है, और यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो यह गठबंधन इतिहास बन सकता है।