इनपुट- ज्ञानेश लोहानी, लखनऊ
एस०टी०एफ०, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से सोशल मीडिया के माध्यम से कॉल करके स्वयं को पुलिस / ई०डी०/सी०बी०आई० आदि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताकर लोगो को डरा-धमकाकर ठगी करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी।
इस सम्बन्ध में एसटीएफ उ०प्र० की विभिन्न टीमों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। गठित टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया। दरअसल विगत दिनों एस०पी०जी०आई० लखनऊ की एसोसिएट प्रोफेसर के मोबाइल पर किसी अज्ञात नम्बर से काल आया। जिस पर उनके द्वारा काल रिसीव करने पर कालर द्वारा स्वंय को सी०बी०आई० मुम्बई का पुलिस अधिकारी बताकर कहा गया कि मनी लांड्रिंग का केस हुआ जिसमें आपके खाते का इस्तेमाल किया गया है। इसी तरह बात करके उनको प्रभाव में लेते हुए बैंक व उनकी सारी डिटेल प्राप्त कर लिया गया। जिसके उपरान्त लगभग 05 दिन से अधिक समय तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया एवं उनके खाते से लगभग 02 करोड़ से अधिक का पैसा विभिन्न खातो में ट्रान्सफर कर लिया गया।
जब इनको इस बात का एहसास हुआ कि मेरे साथ ठगी की घटना हो गयी है तब इनके द्वारा थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में अभियोग पंजीकृत कराया गया। मुखबिर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि स्वयं को पुलिस अधिकारी/ सी०बी०आई० अधिकारी बनकर ठगी करने वाले गिरोह के कुछ सदस्य लखनऊ आ रहे हैं। अगर जल्दी की जाय तो पकड़े जा सकते हैं । जिसके बाद वेव मॉल के निकट स्थित पेट्रोल पम्प के पीछे से 05 व्यक्तियों को गिरफ्तार गया। जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।