रामघाट - बुलंदशहर में एसएसपी श्लोक कुमार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन मोड में हैं। एसएसपी ने हनी ट्रैप केस में फंसे दरोगा पप्पू सिंह को प्राथमिक जांच के बाद निलंबित कर दिया है। बताया गया है कि उपनिरीक्षक पप्पू सिंह ने बिना किसी तहरीर के रिपोर्ट दर्ज किए, हनी ट्रैप गैंग के बुलाने पर उनसे मिलने गए और पीड़ित से मामले को सुलझाने की बात की।
रामघाट थाने में पीड़ित की तहरीर पर हनी ट्रैप गैंग और उपनिरीक्षक पप्पू सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। हनी ट्रैप गैंग द्वारा एक प्राइवेट हॉस्पिटल के कंपाउंडर को बलात्कार के झूठे आरोप में फंसाकर ब्लैकमेल करने का मामला सामने आया है। इस मामले में उपनिरीक्षक पप्पू सिंह की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। पुलिस ने हनी ट्रैप गैंग की दो महिलाओं समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रामघाट थाने में दर्ज रिपोर्ट में पीड़ित ने बताया कि वह एक प्राइवेट हॉस्पिटल का कंपाउंडर है और जरगवाँ के हॉस्पिटल में उसका आना-जाना था। एक लड़की ने हॉस्पिटल की एक लड़की का नाम लेकर 3 सितंबर 2024 को उसे कमरे पर बुलाया। जब वह वहां पहुंचा तो कमरे में लड़की के साथ दो पुरुष और एक महिला मौजूद थी। उन्होंने उसे जबरदस्ती कमरे में बंद कर मारपीट की।
कमरे में मौजूद लड़की ने पीड़ित से कहा कि उसने ही उसे कॉल किया था। वहां खड़े दो पुरुष और एक महिला ने पीड़ित को धमकी दी कि अगर वह बलात्कार के झूठे केस से बचना चाहता है तो उसे एक लाख पचास हजार रुपये देने होंगे। इसके बाद उन लोगों ने पीड़ित को मारपीट कर के.के. हॉस्पिटल ले जाकर उसके घरवालों को बुलाने के लिए कहा और फिर रुपये का इंतजाम करने की धमकी दी।
दूसरे दिन पीड़ित के पिता को के.के. हॉस्पिटल के संचालक ललित कुमार का फोन आया कि उनके बेटे के खिलाफ थाने में तहरीर दर्ज है। जब परिजन के.के. हॉस्पिटल पहुंचे तो वहां योगेश नामक व्यक्ति मौजूद था। योगेश ने कहा कि दरोगा पप्पू सिंह आने वाले हैं और वे इस मामले को सुलझाएंगे। लेकिन जब दरोगा पप्पू सिंह पहुंचे और तहरीर दिखाने को कहा गया तो उन्होंने कहा कि तहरीर थाने में है। पप्पू सिंह ने मामले को थाने में जाकर सुलझाने की बात कही, जिससे मामला बढ़ सकता था।