हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है। नवरात्रि का त्योहार शुरू होते ही सबसे पहला काम कलश स्थापित कर उसकी पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का बहुत महत्व है। कलश को देवी मां दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। कलश में जल, अक्षत, रोली, मौली आदि भरकर स्थापित करके देवी मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है। इस परंपरा को हिंदू धर्म के लोग कई सालों से मनाते आ रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि कलश मां दुर्गा की शक्ति का प्रतीक है। यह सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक है जो घर में शांति और समृद्धि लाती है।
पंचांग के अनुसार इस वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को 12:18 बजे प्रारंभ होगी। यह तिथि 4 अक्टूबर सुबह 02:58 बजे तक मान्य रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर यानी गुरुवार से शुरू हो रही है।
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं। कलश स्थापना के लिए पहला शुभ समय सुबह 6 बजकर 15 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक है और घट स्थापना के लिए आपको 1 घंटा 6 मिनट का समय मिलेगा। इसके अलावा दोपहर में भी कलश स्थापना का मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त में है. यह सबसे अच्छा समय माना जाता है। दिन में आप 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट के बीच कभी भी कलश स्थापना कर सकते है। दोपहर में आपको 47 मिनट का शुभ समय मिलेगा।
कलश स्थापना की विधि
1. कलश स्थापना के लिए एक साफ और पवित्र स्थान का चुनाव करें और यह स्थान पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए।
2. कलश स्थापना के समय घड़े में चावल, गेहूं, जौ, मूंग, चना, सिक्के, कुछ पत्ते, गंगाजल, नारियल, कुमकुम, रोली डालें और उसके ऊपर नारियल रखें।
3. घड़े के मुंह पर मौली बांधें और कुमकुम से तिलक लगाएं और घड़े को एक चौकी पर स्थापित करें।
4. कलश को रोली और चावल से अष्टदल कमल बनाकर सजाएं।
5. देवी मां के मंत्रों का जाप करें और कलश में जल चढ़ाएं और धूप दीप करें।
कलश स्थापना के नियम
1. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के समय शुद्ध रहें।
2. कलश स्थापना के दौरान मन में कोई भी नकारात्मक भाव नहीं होनी चाहिए।
3. पूरे नवरात्रि के दौरान कलश की विधि विधान से पूजा करें।
4. नवरात्रि के दिन नवमीं तिथि पर पूजा कर कलश विसर्जन करें।
इन बातों का रखें खास ध्यान
वास्तु के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन सही दिशा में कलश स्थापित करने से लोगों के घरों से वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। कलश पवित्रता का प्रतीक है। यह हमें शुद्धता और पवित्रता बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है। कलश स्थापना करना शुभ होता है। इससे घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के लिए शुभ समय का चयन करना होता है। कलश को घर के पूजा स्थल या किसी साफ जगह पर स्थापित करना सबसे उपयुक्त माना जाता है।