इनपुट- रजत के. मिश्र, लखनऊ, twitter- rajatkmishra1
आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सप्लाई क्लर्क वेलफेयर ऐसोसिऐशन उत्तर प्रदेश (सम्बद्ध राज्य कार्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तर प्रदेश) का वार्षिक अधिवेशन उत्तराखण्ड भवन, विभूत्ति खण्ड, गोमतीनगर-लखनऊ आयोजित हुआ। अधिवेशन में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे० एन० तिवारी, महामंत्री अरूणा शुक्ला एवं उपाध्यक्ष टी एन चौरसिया उपस्थित रहे।
बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष विपिन कुमार प्रदेश अध्यक्ष द्वारा की गयी एवं संचालन सुशील कुमार गोस्वामी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्जवलित कर किया गया एवं औपचारिक शुरूआत की गई। इस अधिवेशन में प्रदेश के समस्त जनपदों से लगभग 450 से अधिक पूर्ति लिपिकों द्वास प्रतिभाग किया गया। उपस्थित लिपिकों द्वारा अपने संगठन एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उ०प्र० के माध्यम से मुख्यमन्त्री, प्रमुख सचिव एवं खाद्यायुक्त महोदय से अपने वेतन विसंगतियों, प्रोन्नति, गृह जनपद स्थानान्तरण आदि के सम्बन्ध में अनुरोध करते हुए सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकारात्मक निर्णय लेने का अनुरोध किया गया।
अध्यक्ष विपिन कुमार, महामंत्री तुफैल अहमद एव उपाध्यक्ष अमित सिंह सूर्यवंशी व कोषाध्यक्ष रामजीत यादव तथा अन्य कार्यकारिणी के सदस्यों द्वारा राज्य कार्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी को ज्ञापन के माध्यम से विभिन्न मांगों के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। जिसमे रिव्यू कमेटी की संस्तुतियों के आधार पर उत्तर प्रदेश खाद्य तथा रसद (सम्पूर्ति शाखा) अधीनस्थ सेवा नियमावली, 1980 में पूर्व में प्राविधनित पूर्ति लिपिक पद से पूर्ति निरीक्षक पद पर प्रोन्नति कोटा पूर्ववत् 50 प्रतिशत करने की मांग की गई। साथ ही उ०प्र० से विगत कुछ वर्ष पूर्व अलग हुए प्रदेश उत्तराखण्ड में पूर्ति लिपिकों को पदोन्नति कोटा 50 प्रतिशत कर दिया गया है, जिसका प्रत्यावेदन पूर्व में भी प्रेषित किया गया था।
इसके अलावा कार्मिक विभाग से जारी लिपिक नियमावली 2014 के अनुसार प्रत्येक 05 वर्षों में नियमित रूप से लिपिकों की पदोन्नति की मांग की गई। नवनियुक्त आपूर्ति लिपिकों के अल्प वेतनभोगी होने के दृष्टिगत उनका स्थानान्तरण स्वयं के अनुरोध पर/म्युचुअल आधार पर गृह जनपद में कराये जाने की व्यवस्था की जाय। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे० एन० तिवारी द्वारा अपने संगठन के माध्यम से उपरोक्त मांगो पर गम्भीरतापूर्वक विचार करते हुए, उक्त मांगों को शासन / मुख्यमन्त्री के समक्ष रखते हुए सकारात्मक निर्णय कराने का आश्वासन दिया गया।