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Karva Chauth 2024: करवा चौथ पर चढ़ाएं ये प्रसाद, भगवान सारी मनोकामनाएं करेंगे पूर्ण

करवा चौथ का व्रत हिंदू धर्म के प्रमुख व्रतों में से एक है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। ऐसे में आइए जानते है कि, करवा चौथ पर भगवान को क्या भोग चढ़ता है।

Rashmi singh
  • Oct 20 2024 3:11PM

करवा चौथ का व्रत हिंदू धर्म के प्रमुख व्रतों में से एक है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।  इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय के साथ चंद्र देव और करवा माता की पूजा की जाती है।

इस व्रत में चंद्रमा की पूजा का बहुत महत्व है। चंद्रमा के उदय होते ही महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और फिर अपने पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत खोलती हैं। ऐसे में आइए जानते है कि, करवा चौथ पर क्या प्रसाद बनता है और भगवान को किस चीज का भोग लगता है। 

करवा चौथ 2024 डेट 
हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस तिथि की शुरुआत रविवार, 20 अक्टूबर 2024 को सुबह 6:46 बजे से सोमवार, 21 अक्टूबर को सुबह 4:16 बजे तक है। इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा।

करवा चौथ पर इस चीज का लगाएं भोग 
करवा चौथ के प्रसाद में भोग लगाने के लिए नारियल लड्डू, कचौड़ी, आलू की सब्जी, मीठी सुहाल, पूरी, हलवा, खीर आदि का भोग भगवान को लगाया जाता है। इस दिन दूध से बनी मिठाई का महत्व होता है। इसलिए इस दिन खीर का भोग अवश्य लगाएं।

करवा चौथ व्रत महत्व
हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का बहुत महत्व है। करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम का प्रतीक माना जाता है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अपने सुहाग की रक्षा के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहती है।

करवा चौथ व्रत से जुड़ी कुछ खास बातें
1. करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाओं को लाल रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए, क्योंकि लाल रंग सुहाग का प्रतीक है।
2. सुहागिन महिलाओं को 16 श्रृंगार करके ही पूजा करनी चाहिए। 
3. चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करें।
4. अपने पति के हाथ से जल ग्रहण करें।
5. व्रत के दौरन किसी को अपशब्द नहीं बोलने चाहिए।
6. व्रत के दौरन अन्न-जल का सेवन नहीं करना चाहिए।


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