केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तिरुपति प्रसाद मामले को लेकर कहा कि, मुझे लगता है कि तिरुपति प्रसाद मामले में सीबीआई जांच की जरूरत है. सीबीआई को जांच करनी चाहिए कि प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी पर कितना पैसा खर्च हुआ? हिंदू धर्म के खिलाफ साजिश का दूसरा पहलू भी है. इसकी भी जांच होनी चाहिए कि क्या हिंदू धर्म को खत्म करने की साजिश थी? जो लोग मुख्य दोषी हैं उन्हें फांसी की सजा मिलनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि, मामला सिर्फ घोटाले का नहीं है. वाईएसआर सबसे बड़ा हिंदुओं का क्रिश्चियन कन्वर्जन करवाने का काम किया था. वो कहीं साजिश तो नहीं कि हिंदू धर्म को खत्म करना और इसलिए इसकी सजा कोई मिलावटी सजा नहीं केवल होनी चाहिए बल्कि जो लोग इसके मुख्य दोषी हैं उनको फांसी की सजा होनी चाहिए जिससे कभी कोई हिंदू धर्म पर खतरा करने की कोशिश ना करें.
वहीं, इस मामले में बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि, पूरे विश्व की आस्था तिरुपति से जुड़ी है और तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसाद दुनिया के कोने-कोने में पोस्ट या कूरियर के माध्यम से पहुंचता है जो अनियमितताएं सामने आई हैं, उससे साफ पता चलता है कि जगन रेड्डी और वाईएसआर ने हिंदुओं की आस्था को बदनाम करने के लिए यह साजिश रची है. बता दें कि, आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डूओं में मिलावट पर बड़ा खुलासा हुआ है.
जानकारी के अनुसार, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड की रिपोर्ट में तिरुपति मंदिर के लड्डू और अन्नदानम के सैम्पल की जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. दूसरी तरफ, तिरुपति मंदिर में प्रसाद के तौर पर दिए जाने लड्डू को लेकर आंध्र प्रदेश में सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है.
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने वाईएस जगन मोहन रेड्डी को घेरते हुए आरोप लगाया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने तिरुमला में तिरुपति लड्डू प्रसादम तैयार करने के लिए घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया. यह प्रसाद भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में आने वाले करोड़ों भक्तोंर को दिया जाता है. सीएम नायडू ने आरोप लगाते हुए कहा था कि तिरुमाला के लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाए गए थे.