प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने महिलाओं और उनके परिवारों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की है। इनमें से एक प्रमुख योजना है प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, जिसका उद्देश्य गरीब और ग्रामीण महिलाओं को स्वच्छ ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत, मोदी सरकार ने अब तक करोड़ों महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन प्रदान किए हैं, जिससे उनका जीवन आसान हुआ है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में भी कमी आई है। वहीं भाजपा सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से माताओं-बहनों को धुएं से मुक्ति दिलाने का काम किया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से हरिगढ़ में 3.09 लाख से अधिक परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का उद्देश्य और महत्व
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की महिलाओं को रसोई गैस (एलपीजी) कनेक्शन प्रदान करना था। इससे पहले, महिलाएं पारंपरिक जलवायु प्रदूषक ईंधन जैसे लकड़ी, कोयला, गोबर, आदि का इस्तेमाल करती थीं, जिससे उनकी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता था। इस योजना के तहत, महिलाओं को 800 रुपये की सहायता राशि के साथ एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराया जाता है।
इस योजना से महिलाओं को न केवल स्वच्छ और सुरक्षित ईंधन मिला, बल्कि उन्हें अपने परिवार के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता करने की आवश्यकता कम हुई। धुएं से होने वाली बीमारियों से बचाव हुआ, और उनके घरों में एक नया बदलाव आया।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने न केवल महिलाओं की जीवनशैली को प्रभावित किया, एलपीजी कनेक्शन प्राप्त करने के बाद, महिलाएं अब रसोई में समय बचाने में सक्षम हैं और उनके जीवनस्तर में भी सुधार हुआ है। इसके साथ ही, यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है, क्योंकि इससे उनका जीवन आसान हुआ है और घर की अन्य गतिविधियों में उनकी भागीदारी बढ़ी है।