राजस्थान की बीजेपी सरकार अगले विधानसभा सत्र में धर्मांतरण के विरुद्ध कानून लाएगी। साथ ही, लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जा सकता है। कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि विधि विभाग धर्मांतरण के विरुद्ध बिल के ड्राफ्ट को तैयार करने में जी-जान से लगा है। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में धर्म परिवर्तन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
कानून मंत्री ने क्या कहा?
कानून मंत्री ने कहा कि अगले विधानसभा सत्र में राज्य सरकार धर्म परिवर्तन के विरुद्ध कानून लाने की तैयारी में है। उत्तराखंड और मध्यप्रदेश में धर्म परिवर्तन से जुड़े मामलों पर सरकार अध्ययन कर रही है। अगले सत्र में धर्मांतरण संबंधी बिल पारित किया जा सकता है। सनद रहे कि बीजेपी सरकार धर्मांतरम संबंधी बिल में कड़े प्रावधान कर सकती है। जिसमें लालच या जबरन धर्म परिवर्तन करवाने वालों या इसमें मदद करने वालों के लिए भारी जुर्माना या जेल का प्रावधान किया जा सकता है।
लिव-इन-रिलेशनशिप के लिए नए प्रावधान लाने की तैयारी
राजस्थान की बीजेपी सरकार बिना शादी के साथ रहने वाले जोड़े अर्थात् लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वालों के विरुद्ध भी नया कानूनी प्रावधान जोड़ सकती है। लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जा सकता है। तो वहीं, दूसरे धर्म में शादी करने वालों के लिए नए कानून और शर्ते लागू की जा सकती है। सनद रहे कि प्रस्तावित धर्म परिवर्तन विरोधी कानून के लिए बिल में उत्तराखंड की तर्ज पर कड़े प्रावधान किए जा सकते हैं।
यूपीए सरकार ने नहीं दी थी मंजूरी
सनद रहे कि राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सरकार के दौरान भी वर्ष 2006 और 2008 में धर्म स्वातंत्र्य बिल दो बार पास हुआ था। किंतु, उस समय की यूपीए सरकार ने इस बिल को मंजूरी नहीं दी थी।